धर्मशाला। भारतीय क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड को टेस्ट सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप करने के बाद ऊंचे मनोबल और जोश के साथ मेहमान टीम के खिलाफ रविवार को यहां होने वाले पहले वनडे में उसी लय को बरकरार रखने से इरादे से उतरेगी। भारत का यह 900वां वनडे है और महेंद्र सिंह की कप्तानी में टीम इंडिया इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाना चाहेगी।
विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड को बुरी तरह से धोकर रख दिया था और अब सीमित ओवरों के कप्तान धोनी की बारी है कि वह न्यूजीलैंड का वनडे सीरीज में भी वैसा ही हाल करे।
हालांकि पिछले लगभग डेढ़ साल में भारत का वनडे रिकॉर्ड कोई बहुत अच्छा नहीं रहा है। भारत ने अप्रैल 2015 से अपने पिछले 19 वनडे में नौ मैच गवांए हैं। भारत ने इस दौरान पांच एकदिवसीय सीरीज में से तीन सीरीज बंगलादेश, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के खिलाफ गंवाई है और उसे एकमात्र जीत जिम्बाब्वे के खिलाफ मिली है।
भारत के लिए यह सीरीज काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्राफी से पहले उसे दो वनडे सीरीज खेलनी है जिसमें से एक सीरीज न्यूजीलैंड के खिलाफ है। अब से आठ महीने बाद होने वाली चैंपियंस ट्राफी से पहले भारत को आठ वनडे मैच खेलने को मिलेंगे जिनमें से पांच मैच इसी सीरीज में से हैं।
भारत बेशक न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज आसानी से जीत गया लेकिन कप्तान धोनी जानते हैं कि जहां छोटे फार्मेट की बात हो न्यूजीलैंड की टीम एक अलग ही अंदाज में आ जाती है और उसके खिलाड़ी ज्यादा विस्फोटक हो जाते हैं। भारत ने वनडे सीरीज से अपने तीन प्रमुख गेंदबाजों आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, लेफ्टआर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा और तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को आराम दिया है जिन्होंने टेस्ट सीरीज जीताने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। अश्विन तो 27 विकेट लेकर 'मैन आफ द सीरीज' रहे थे।