नई दिल्ली। भारत और वेस्टइंडीज के बीच 6 दिसंबर से तीन टी20 मैच की सीरीज खेली जानी है। इस सीरीज का पहला मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाना था, लेकिन बीसीसीआई ने अब इसे तीसरे टी20 के वेन्यू से बदल दिया है। अब होगा यह कि इस टी20 सीरीज का आगाज हैदराबाद के राजीव गांधी स्टेडियम से होगा और आखिरी मैच जो कि हैदराबाद में होना थो वो अब मुंबई में होगा। वहीं बीसीसीआई अगले साल होने वाले आईपीएल में नो बॉल पकड़ने के लिए कैमरे की मदद लेना चाहता है। इसके लिए बोर्ड ने प्लानिंग शुरु कर दी है।
भारत बनाम बांग्लादेश के बीच कोलकाता में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट में बीसीसीआई ने कैमरे से नो बॉल पकड़ने की शुरुआत की थी, हालांकि उस मैच में यह प्रयोग काम नहीं आया क्योंकि किसी गेंदबाज का पैर लाइन के आगे नहीं पड़ा था। ऐसे में बोर्ड अगले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली लिमिटेड ओवर सीरीज के लिए इस तकनीक का प्रयोग करेगा।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड नो-बॉल पकड़ने के लिए रन आउट कैमरे लगाएगा, ताकि अंपायर से नो बॉल की चूक न हो। यह एक ऐसा क्षेत्र जो इंडियन प्रीमियर लीग के आखिरी संस्करण में भारी आलोचना के घेरे में आया था। सिर्फ आईपीएल में ही नहीं, यह ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच ब्रिस्बेन में होने वाले पहले टेस्ट में भी नो बॉल का मुद्दा काफी गरम रहा था, क्योंकि दूसरे दिन के पहले दो सत्रों में 21 नो-बॉल मिस हुए थे। बीसीसीआई के संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह सब नई तकनीक के बारे में है और नई व्यवस्था यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं रखेगी कि इस तकनीक को अपनाया जाए। आईपीएल में हमेशा नए प्रयोग किए जाते रहे हैं। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि आईपीएल के हर सीजन में नई तकनीक आए और खेल की प्रगति में मदद मिले।
अगर खिलाड़ी समस्या को मिटाने में मदद कर सकता है तो खिलाड़ी को क्यों नुकसान उठाना चाहिए? "अतीत में, हमने देखा है कि फ्रंट फुट नो-बॉल एक ग्रे क्षेत्र है और मैं इस बात का ध्यान रखता हूं कि टेक्नोलॉजी जो फ्रंट फुट नो-बॉल का पता लगाने में मदद कर सकती है, का उपयोग करने के लिए बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जा रहा है और होगा। इसे भारत बनाम वेस्ट इंडीज सीरीज में भी जारी रखा जाएगा।
थर्ड अंपायर द्वारा रन आउट की जाँच के लिए उपयोग किए जाने वाले कैमरे ही नो बॉल चेकर करने के लिए उपयोग किए जा रहे हैं और यह प्रति सेकंड 300 फ्रेम पर क्लिक कर रहा है। यह फ्रेम तब ऑपरेटर की इच्छा के अनुसार जूम इन किया जा सकता है। इस महीने की शुरुआत में आइपीएल की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में इस विचार को पहली बार लाया गया था और एक जीसी सदस्य ने कहा था: "अगर अगले आईपीएल के दौरान सभी अच्छी तरह से खेलते हैं, तो आप नियमित अंपायरों के अलावा एक और अंपायर को देख सकते हैं। वैसे यह सुनने में थोड़ा अजीब लगता है मगर बीसीसीआई सेक्रेटरी ने इसकी पुष्टि की है।