कोलकाता। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने कहा है कि लंबे समय से विवादास्पद रहे दिन-रात्रि टेस्ट प्रारूप के लिये कप्तान विराट कोहली भी सहमत हैं। भारत ने बाकी टेस्ट दर्जा हासिल सदस्यों के इतर दिन-रात्रि टेस्ट प्रारूप में खेलने पर हमेशा से असहमति जताई है, लेकिन गांगुली ने बताया कि मुंबई में गुरूवार को कप्तान विराट के साथ हुई उनकी बैठक में इस बार सकारात्मक चर्चा की गयी है। बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने के बाद गांगुली और विराट के बीच पहली बार मुलाकात हुई थी। पूर्व कप्तान ने ईडन गार्डन में बंगाल क्रिकेट संघ द्वारा उनके लिये आयोजित समारोह में कहा,‘‘ विराट ने टेस्ट क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने के लिये दिन-रात्रि प्रारूप में खेलने पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
हम सभी इस बारे में विचार कर रहे हैं और हम इसे लेकर जरूर कोई फैसला करेंगे। मैं खुद भी दिन-रात्रि टेस्ट प्रारूप में विश्वास करता हूं। विराट ने भी इस पर सहमति जताई है। कई रिपोर्ट में कहा गया था कि वह इस पर राजी नहीं हैं लेकिन यह सच नहीं है।’’ पूर्व कप्तान ने कहा,‘‘ टेस्ट को आगे ले जाने की जरूरत है। लोग अपना काम खत्म करें और मैच देखने आयें। हालांकि मुझे नहीं पता कि यह कब संभव हो सकेगा।’’ आईसीसी टेस्ट रैंकिंग की नंबर एक टीम भारत और बंगलादेश दो टीमें हैं जिन्होंने कभी भी गुलाबी गेंद से क्रिकेट नहीं खेला है। इसकी शुरूआत 2016 में आस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के बीच मैच से हुई थी। हालांकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के चलते भारत ने इस प्रारूप में खेलने पर असहजता जताई है क्योंकि अनुभवहीनता के कारण उस पर अंक गंवाने का जोखिम बढ़ सकता है।
गांगुली बीसीसीआई की तकनीकी समिति के प्रमुख रहने के दौरान भी भारत के गुलाबी गेंद से खेलने की पैरवी कर चुके हैं। इससे पहले उन्होंने सिफारिश दी थी कि बोर्ड को पांच दिवसीय घरेलू दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट को दुधिया रौशनी में ही खेलना चाहिये, वर्ष 2016 में जिसपर प्रयोग भी किया गया था। लेकिन बाद में बोर्ड ने इस पर अपना फैसला बदल दिया था। वहीं पिछले सप्ताह विराट ने बीसीसीआई के सामने सुझाव रखा था कि टेस्ट क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने के लिये देश के केवल पांच शहरों में ही कराना चाहिये। उनका बयान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पुणे और रांची में हुये आखिरी दो टेस्ट मैचों के बाद आया था। गांगुली ने माना कि डे-नाइट टेस्ट प्रशंसकों को अपनी ओर लाने का अच्छा विकल्प हो सकता है। बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा,‘‘ क्रिकेट में बदलाव की जरूरत है। किसी ने नहीं सोचा था कि टी-20 क्रिकेट इतना सफल होगा। इस प्रारूप के आने पर तो हम सीनियर खिलाड़यिों को भी आराम करने के लिये कह दिया गया था। लोगों का जीवन बदल गया है और उन्हें काम के बाद स्टेडियम तक लाने की जरूरत है।’’