नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि देश में पिछले पांच साल के दौरान स्वच्छता के क्षेत्र में जन आंदोलन पैदा हुआ है और देश के प्रधानमंत्री से लेकर गांव के हर आदमी ने प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से इस आंदोलन में हिस्सा लिया है। कोविंद ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 जयंती पर ‘इंडिया टुडे सफाईगीरी सम्मेलन तथा पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को सबसे प्रभावी स्वच्छता दूत सम्मान’ प्रदान करते हुए कहा कि यह अभियान ऐतिहासिक रहा है और देश के हर नागरिक के इसमें शामिल हुए बिना यह सफल नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा कि इस अभियान में प्रधानमंत्री से लेकर गांव के प्रधान ने हिस्सा लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को खुले में शौच से मुक्त करने की घोषणा के संदर्भ में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता को उनकी 150वीं जयंती पर यह सबसे बडी श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक जो लक्ष्य निर्धारित किया है भारत ने उसे 11 साल पहले ही हासिल कर लिया है। राष्ट्रपति ने स्वच्छता को एक सतत प्रक्रिया बताया और कहा कि इस दिशा में लक्ष्य हासिल करने के बाद रुकना नहीं है और ना ही संतुष्ट होना है बल्कि गांव, ब्लाक तथा जिला स्तर पर स्वच्छता के लिए प्रतिस्पर्धी माडल विकसित करने की आवश्यकता है।