मुंबई। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के नए हेड कोच मिस्बाह उल हक से जब एक पाकिस्तानी रिपोर्टर ने पाकिस्तान के बल्लेबाजों की सबसे बड़ी दिक्कत यानी की स्ट्राइक रेट के बारे में पूछा तो प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सभी लोग हंसने लगे। रिपोर्टर ने पूछा कि पाकिस्तान के बल्लेबाज मारते कम हैं और ज्यादा टूक टूक करते हैं।
पत्रकार ने कहा कि घरेलू क्रिकेट में इस समय कई इंटरनेशनल क्रिकेटर्स खेल रहे हैं और इनमें से कुछ ने शतक भी जमाए। मगर इन सभी ने बेहद धीमी पारियां खेलकर शतक जमाए। किसी ने शतक पूरा करने के लिए 235 गेंदें ली तो किसी ने ज्यादा। ये क्रिकेटर आक्रामक क्यों नहीं खेले। पता हो कि मिस्बाह उल हक भी अपने समय में काफी अच्छे डिफेंसिव बल्लेबाज के रूप में जाने जाते थे। पत्रकार ने इशारों-इशारों में मिस्बाह से यह पूछा कि कहीं वह अन्य खिलाडि़यों को भी डिफेंसिव गेम खेलने की तकनीक तो नहीं बता रहे हैं, इस पर पूर्व कप्तान भी पत्रकार को उसी की भाषा में तगड़ा जवाब देने के मूड में दिखे।
चलिए आपको बताते हैं कि पत्रकार ने मिस्बाह से क्या सवाल किया था। पत्रकार ने पूछा, 'दमदार शॉट लगाने के बजाय ज्यादा खिलाड़ी टुक-टुक खेल रहे हैं। क्रिकेटर्स 235 या ज्यादा गेंदों पर शतक जमा रहे हैं। आपके समय में भी बल्लेबाज दमदार शॉट खेलने के बजाय टुक-टुक वाली मानसिकता पर था। तो नए हेड कोच और बल्लेबाजी कोच के रूप में आप इन खिलाडि़यों को टुक-टुक खेलने देना जारी रखेंगे?' इस पर मिस्बाह ने जवाब दिया, 'ऐसा लगता है कि आपके सवाल में ज्यादा ध्यान टुक-टुक पर है, लगता है कि आपके पास कार नहीं है। या फिर आपको किसी ने कहा होगा कि मुझे गुस्सा दिलाने के लिए यह सवाल पूछा जाए।'
45 वर्षीय मिस्बाह से पत्रकार ने अन्य पत्रकार ने उनकी सैलेरी के बारे में सवाल किया, जो कि चेयरमैन और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एमडी से ज्यादा है। मिस्बाह इस सवाल के जवाब में मुस्कुराए और कहा कि उन्होंने कोई ज्यादा सैलेरी नहीं मांगी थी। उन्होंने साथ ही बताया कि बोर्ड उन्हें उतना ही वेतन दे रहा है, जो इससे पहले के हेड कोच मिकी आर्थर को देता था। मिस्बाह ने कहा, 'मैंने ये जिम्मेदारी हासिल करने के लिए कोई जादू नहीं किया। मैंने वेतन की कोई मांग नहीं की थी। मैंने सिर्फ इतना पूछा कि आप मुझे उतनी ही सैलेरी देंगे, जितनी पूर्व कोच को देते थे।'