नई दिल्ली। पूरी दुनिया में विभिन्न बीमारियों विशेषकर जानलेवा बीमारियों के उपचार में स्टेम सेल की बढ़ती उपयोगिता के बल पर इस उद्योग के कारोबार में तेजी आ रही है और वर्ष 2025 तक इसके बढ़कर 15.63 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। इस संबंध में ग्रैंड व्यू रिसर्च इंक द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल स्टेम सेल बाजार वर्ष 2025 तक वार्षिक 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा और उस समय तक बाजार 15.63 अरब डॉलर का हो जायेगा। इस पर हो रहे शोध में वृद्धि के साथ ही संबंधित उत्पादों की उपयोगिता के दायरे को बढ़ाने से इस उद्योग में तेजी बनी रहेगी। स्टेम सेल सोसाइटी आॅफ इंडिया द्वारा यहां आयोजित दो दिवसीय चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एससीएसआईसीओएन 2018 के समापन अवसर पर संगठन के अध्यक्ष डॉ. आलोक शर्मा ने इस रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा वैश्विक स्तर पर स्टेम सेल से उपचार में तेजी आयी है। अब इसका उपयोग अलग अलग बीमारियों के उपचार में होने लगा है।
उन्होंने कहा कि जापान, कोरिया और अमेरिका जैसे देशों में स्टेम सेल से जुड़ं नियमों में सुधार के बाद तेजी से इसका उपयोग बढ़ा है। अब भारत में भी इससे जुड़े नियमों में संशोधन हो रहे हैं जो स्टेम सेल थेरेपी के विकास की सुविधा प्रदान करेगा और वर्तमान में असाध्य बीमारियों से पीड़ित लाखों मरीजों को यह उपचार उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि स्टेम सेल ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जो संभावित रूप से विभिन्न कोशिका प्रकारों में वृद्धि करने में सक्षम होती हैं। इसलिए शरीर के प्राकृतिक उपचार तंत्र का निर्माण करती हैं। स्टेम सेल में बीमारियों के उपचार की दोहरी क्षमता होती है।
उन्होंने कहा कि स्टेम सेल असाध्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों, कैंसर, आॅर्थोपाएडेडिसिस, कार्डियोमायोपैथीज, लाइयरसिरोसिस, मधुमेह जैसी असाध्य बीमारियों के इलाज को सफल बनाने में उपयोगी है।