नई दिल्ली। सरकार ने स्पष्ट किया है कि फंड और गैर फंड आधारित अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए क्रमश: दो करोड़ डॉलर और 20 लाख डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की जरूरत है जैसे प्रतिष्ठान अपंजीकृत या छूट के दायरे में हो या रेगुलेटेड नहीं हो। इस संंबंध में वित्त मंत्रालय ने यहां जारी स्पष्टीकरण में कहा कि फंड आधारित गतिविधियों में मर्चेंट बैंकिंग, अंडर राइटिंग, पोर्टफोलिया प्रबंधन सेवाएं, स्टॉक ब्रोकिंग, संपदा प्रबंधन, वेंचर कैपिटल, कस्टोडियन सेवाएं, फैक्टोरिंग, लीजिंग एंड फाइनेंस , हाउसिंग फाइनेंस, क्रेडिट कार्ड बिजनेस, माइक्रो क्रेडिट और ग्रामीण क्रेडिट जबकि गैर फंड आधारित अन्य वित्तीय सेवाओं में निवेश सलाहकार सेवायें, वित्तीय सलाह सेवायें, फॉरेक्स् ब्रोकिंग, मुद्रा विनिमय सेवाएं और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां शामिल है।