17 Apr 2024, 01:20:17 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

न्यू इंडिया रत्न बने पीएसयू: मोदी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 10 2018 4:08PM | Updated Date: Apr 10 2018 4:08PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था में केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) के योगदान के रेखांकित करते हुये आज कहा कि देश की सरकारी नवरत्न कंपनियों को नये भारत में न्यू इंडिया रत्न कंपनी बनने की ओर बढ़ना चाहिए और कार्पोरेट गवर्नेस पर जोर देकर संसाधनों का सही उपयोग करना चाहिए। मोदी ने सीपीएसई के आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने सरकारी कंपनियों को परिचालनात्मक आजादी है जिससे उनके प्रदर्शन में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पीएसयू ने देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान किया है।

उन्होंने कहा कि सरकारी उपक्रमों के लिए लाभ कमाने के साथ ही सामाजिक कल्याण करना भी आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारी उपक्रमों के ही इस साहस का नतीजा है कि सरकार बड़े-बड़े फैसले ले पाने में सक्षम है, फिर वे चाहे देश के हर गांव में बिजली पहुंचाने की बात हो या फिर देश की हर गरीब माता-बहन की रसोई तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचना। इन संस्थानों से जुड़े लाखों कर्मचारियों के परिश्रम के बिना ये संभव नहीं था। मोदी ने वर्ष 2022 तक नये भारत के निर्माण के लिए सरकारी उपक्रमों के लिए पांच चुनौतियां तय करते हुये कहा कि निजी क्षेत्र हो या फिर सरकारी उपक्रम सफलता के लिए अलग-अलग मंत्र नहीं होते। सफलता के लिए थ्री आई इंसेंटिव्स, इमेजिनेशन और इंस्टीट्यूशन बिंिल्डग है। उन्होंने कहा कि आज के समय में कोई भी निजी कंपनी दो दशक से अधिक समय तक नहीं टिक पाती है। इसका सबसे बड़ा कारण है आने वाले बदलाव, टेक्नोलॉजी में होने वाले बदलाव के हिसाब से खुद को न:न ढाल पाना। यहीं लीडरशिप और इमेजिनेंशन काम आती है। आज डाइवसिफिकेशन और डिस्ट्रप्शन की अहमियत बढ़ गई है।
 
उन्होंने कहा, तीसरा आई यानी इंस्टीट्यूशन बिंिल्डग में लीडरशिप का सबसे अहम परीक्षण होता है। एक ऐसी टीम का निर्माण जो व्यवस्था केंद्रित हो।  व्यक्ति केंद्रित और व्यक्ति आधारित व्यवस्थाएं लंबे समय तक नहीं चल पातीं। उन्होंने सार्वजनिक उपक्रम को तकनीकी और प्रक्रियाओं में बदलाव के जरिये न्यू इंडिया रत्न बनने की अपील करते हुये कहा कि आज तक हम इन उपक्रमों को नवरत्न के रूप में वर्गीकृत करते रहे हैं लेकिन अब वक्त आ गया है जब हम इससे आगे की सोचें। क्या हम न्यू इंडिया रत्न बनाने के बारे में नहीं सोच सकते।   मोदी ने इसके लिए पांच पी फार्मूला की आवश्यकता बतायी जिसमें परर्फोमेंस, प्रोसेस, परसोना, प्रोक्योरमेंट और प्रीपेयर शामिल है। उन्होंने परिचालनात्मक एवं वित्तीय प्रदर्शन में सुधार, प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जिम्मेदारी , जेम प्लेटफार्म और एमएसएमई से खरीददारी और कृत्रिम इंटेलीजेंस, क्वांटम कंप्यूंिटग और रोबोटिक्स जैसी प्रौद्यागिकयों के लिए तैयारी पर जोर दिया और कहा कि नेय नवाचारों के जरिये मूल्य प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता संवेदनशीलता के साथ ही ऐसे उत्पादों पर ध्यान केन्द्रित किया जा सकता है जिन्हें आयात करना पड़ता है। यदि इस दिशा में काम होगा तो आयात बिल में भी कमी आयेगा।
 
उन्होंने इन उपक्रमों से न्यू इंडिया के लिए अपना लक्ष्य तय करने की अपील करते हुये कहा कि वैश्विक स्तर पर 500 बड़ी कंपनियों में कुछ देशों की एक तिहाई सरकारी कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने वैश्विक स्तर पर काम करने वाली विदेशी सरकारी कंपनियों के साथ भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों को साझेदारी कर विदेशों में निवेश करने की रणनीति बनाने की सलाह देते हुये कहा कि प्रक्रियाओं में ऐसे सुधार किये जाने चाहिए जिससे कर राजस्व बढ़ने के साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित हो सकें। उन्होंने कहा कि एनर्जी और अनुभव तथा एंटरप्राइज और उत्साह के संगम के अभूतपर्व नतीजे मिल सकते हैं। सेक्टर चाहे कोई भी हो लेकिन जब 21वीं सदी की बात होती है तब एंटरप्राइज और नवाचार का मूल मंत्र होना चाहिए।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »