नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने अर्थव्यवस्था के विकास के लिए प्रभावी माल परिवहन प्रणाली पर बल देते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार सड़क, रेल और वायुमार्ग के संपर्क बढ़ाने पर खास ध्यान दे रही है। प्रभु यहां ग्लोबल लॉजिस्टिक समिट का उद्घाटन करते हुुए कहा कि किसी देश की अर्थव्यवस्था के विकास में प्रभावी माल परिवहन प्रणाली का महत्वपूर्ण योगदान रहता है और सरकार इस तथ्य को ध्यान में रखकर सड़क, रेल और वायु मार्ग संपर्क पर जोर दे रही है। इसके लिए विशेष रणनीतियां बनाई गयी हैं और इनका क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि सरकार ने कृषि उत्पाद निर्यात नीति घोषित की है। कृषि उत्पाद जल्दी खराब होने वाले होते हैं इसलिए उनको जल्दी से जल्दी से उपभोक्ता तक पहुंचाना जरुरी होता है। इसके लिए सरकार ने अगले कुछ वर्षों में 56 नये हवाई अड्डे शुरू करने का फैसला किया है। इससे किसानों को लाभ होगा और भारतीय उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहुंचाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार की पूरी संभावनाओं का दोहन करने के लिए माल परिवहन की प्रभावी प्रणाली बहुत जरूरी है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से जोड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि माल पर परिवहन संबंधी सभी पक्षधारकों को डिजिटली मंच पर आना चाहिए। इससे माल की आपूर्ति में तेजी आएगी और प्रकिया सरल बनेगी। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माल परिवहन प्रणाली सरल होगी। संपर्क बढ़ाने की विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए प्रभु ने कहा कि सरकार रेल, सड़क, राजमार्ग, घरेलू जलमार्ग, उड्डयन, बंदरगाह और तटीय जहाजरानी क्षेत्र में भारी निवेश कर रही है। भारतीय माल परिवहन उद्योग वर्ष 2019-20 तक 215 अरब डालर तक पहुंच जाने की संभावना है। इसके अलावा देश में लॉजिस्टिक सेवाओं की मांग तेजी बढ़ रही है।