नई दिल्ली। हवाई यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए पहली बार देश में ‘पैसेंजर चार्टर’ तैयार किया जा रहा है। इसका प्रारूप तैयार किया जा चुका है। जल्द ही इसे हितधारकों की टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने एक ट्वीट में बताया विमान सेवा कंपनियों, हवाई अड्डों और विमानन उद्योग के अन्य हितधारकों से दो चरण के प्राथमिक सलाह-मशविरे के बाद हमने पैसेंजर चार्टर का बढ़िया आरंभिक प्रारूप तैयार किया है। इसे टिप्पणियों एवं सुझावों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा। इस चार्टर में उड़ानों में देरी या उड़ान रद्द होने, बोर्डिंग से मना किया जाने, बैगेज खोने, रिफंड आदि के बारे में नियम होंगे।
देश में पहली बार यात्रियों के अधिकार को लेकर कोई नियम बनाया जा रहा है। वर्तमान में सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स के तहत यात्रियों के हितों की रक्षा के नागर विमानन महानिदेशालय ने नियम बनाये हैं, लेकिन ये नियम यात्रियों के अधिकारों की बजाय विमान सेवा कंपनियों की जिम्मेदारी को केंद्र में रखकर बनाये गए हैं। भारतीय हवाई यात्री संघ के अध्यक्ष डी. सुधाकर रेड्डी ने बताया कि देश में "पैसेंजर चार्टर" काफी समय से लंबित है। उन्होंने कहा हम उम्मीद करते हैं कि हमारी सिफारिशों को उसी रूप में शामिल किया गया होगा। उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ तथा विकसित देशों में इस तरह के नियम पहले से हैं।