नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सहारा सेबी खाते में वायदे के मुताबिक 1500 करोड रूपए में से 709.82 करोड रूपए जमा कराने लिए सोमवार को 10 दिनों की मोहलत देते हुए उनकी अंतरिम जमानत की अवधि 5 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है।
जस्टिस दीपक मिश्र और जस्टिस रंजन गोगाई की पीठ ने राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इन दलीलों पर विचार किया कि 790.18 करोड रूपए पहले ही सेबी सहारा के खाते में जमा कराए जा चुके हैं और उन्हें शेष रकम जमा कराने के लिए दस कार्य दिवस और दे दिए जाएं।
राय ने इससे पहले 1500 करोड रूपए के दो चेक जमा कराए थे और 552.22 करोड सेबी के खाते में क्रमश: 15 जून और 15 जुलाई को जमा कराने थे। यह राशि जमा नहीं कराए जाने से कोर्ट ने 17 अप्रैल को सहारा समूह की महाराष्ट्र में एम्बी वैली की 34000 करोड़ रूपए की संपत्ति बेचने का निर्णय लिया था और राय को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने पिछले साल 28 नवंबर को राय से कहा था कि जेल से बाहर रहने के लिए वह 6 फरवरी तक 600 करोड रूपए और सेबी के धन वापसी खाते में जमा कराएं। कोर्ट ने साथ ही आगाह किया था कि ऐसा करने में विफल रहने पर उन्हें वापस जेल भेज दिया जाएगा।
कोर्ट ने सुब्रत राय को सहारा समूह के दो निदेशकों रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी को चार मार्च 2014 को तिहाड जेल भेजा गया गया था परंतु राय की मां का निधन होने की वजह से कोर्ट ने उन्हें 6 मई 2016 को चार सप्ताह का पेरोल दे दिया था। उनकी पेरोल की अवधि उसके बाद से ही कोर्ट बढाता रहा है।