नई दिल्ली। मंगलवार को दोपहर में खबर आई कि भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया है। शाम तक उन्हें जमानत भी मिल गई। लेकिन इसी के साथ उनके प्रत्यार्पण की जो प्रक्रिया शुरू हो गई है, उसे भारत अपने हक में मान रहा है। वैसे भारतीय समय के मुताबिक करीब तीन बजे स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने विजय माल्या को गिरफ्तार कर वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया।
गिरफ्तारी के तीन घंटे बाद जमानत लेकर निकले विजय माल्या ने ट्वीट किया- ''भारतीय मीडिया ने इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है।'' जैसा कि होना था। प्रत्यर्पण पर सुनवाई आज से शुरू हुई।
प्रत्यर्पण के 9 चरणों में से ये पहला
ब्रिटेन के साथ भारत का प्रत्यर्पण संधि है। मंगलवार के मामले से माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई की शुरुआत हो गई लेकिन ये प्रत्यर्पण के 9 चरणों से पहला चरण ही है। माल्या को अपील करने के 3 मौके मिलेंगे।
प्रत्यर्पण की प्रक्रिया काफी लंबी है -
- जज निर्णय करता है कि गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया जाए या नहीं। इसके बाद शुरुआती सुनवाई होगी।
- फिर बारी आएगी प्रत्यर्पण सुनवाई की। फिर विदेश मंत्रालय फैसला करता है कि प्रत्यर्पण का आदेश दिया जाए या नहीं।
- विदेश मंत्री से आग्रह किया जाएगा, जो इस बात का फ़ैसला करता है कि इसे सर्टिफाई किया जाए या नहीं।
- आग्रह करने वाले देश को क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस को आग्रह का शुरुआती मसौदा सौंपने के लिए कहा जाता है, ताकि बाद में कोई दिक्कत पेश ना आए।
- गिरफ़्तारी के बाद शुरुआती सुनवाई और प्रत्यर्पण सुनवाई होती है। सुनवाई पूरी होने के बाद जज संतुष्ट होता है तो मामले को विदेश मंत्रालय को बढ़ा दिया जाता है।
- इसके बावजूद जिसके प्रत्यर्पण पर बातचीत हो रही है, वह शख्स मामला विदेश मंत्रालय को भेजने के जज के फैसले पर अपील कर सकता है।
- पहले ब्रिटिश गृह मंत्रालय की इंटरनेशनल क्रिमिनलिटी यूनिट इस आग्रह पर विचार करती है। अगर दुरुस्त पाया जाता है, तो इसे आग्रह अदालत को बढ़ा दिया जाता है।
- अगर अदालत सहमत होती है कि पर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराई गई है, तो गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा। इसमें व्यक्ति विशेष से जुड़ी सारी जानकारी होती है।
क्या है माल्या का पूरा मामला?
इससे पहले, ब्रिटेन की सरकार ने भारत के प्रत्यर्पण के आग्रह को जिला जज को भेज दिया था। यह माल्या को भारत लाने और उन पर मुकदमा चलाने की दृष्टि से पहला कदम था। माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है।
किस बैंक से कितना लिया लोन?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया – 1600 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक – 800 करोड़, आईडीबीआई बैंक – 800 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया – 650 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा – 550 करोड़, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया – 430 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया – 410 करोड़, यूको बैंक – 320 करोड़, कॉरपोरेशन बैंक ऑफ इंडिया – 310 करोड़, सेंट्र बैंक ऑफ मैसूर – 150 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक – 140 करोड़, फेडरल बैंक – 90 करोड़, पंजाब सिंध बैंक – 60 करोड़, एक्सिस बैंक – 50 करोड़