नई दिल्ली। सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की एंबी वैली सिटी नीलाम करने का आदेश दे दिया, क्योंकि सहारा प्रमुख 13 अप्रैल तक सेबी के पास 5,092 करोड़ रुपये नहीं जमा कर पाए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि आपको पैसा जमा कराने के लिए बहुत वक्त दिया जा चुका है, और अगर आप पैसा नहीं दे रहे हैं, तो आप जेल जाइए।
इसके अलावा सुब्रत रॉय को 27 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का आदेश भी दिया गया है, और कोर्ट ने कहा है कि वह उसी दिन यह तय करेगा कि सहारा प्रमुख को जेल भेजा जाए या जमानत दी जाए, और सहारा प्रमुख से साफ कहा कि अगर आपको आज़ादी चाहिए, तो रुपये चुकाइए।
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के ऑफिसर लिक्विडेटर को संपत्ति के आकलन और नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए, और सहारा प्रमुख से संपत्ति का ब्योरा 48 घंटे में ऑफिसर लिक्विडेटर को सौंपने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट का यह ऑफिसर लिक्विडेटर सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेगा।
कोर्ट ने दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि 'Enough is Enough'. लगभग 39,000 करोड़ रुपये मूल्य की 8,900 एकड़ में फैली एंबी वैली लोनावला के पास है, जिसके बारे में आदेश जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख से कहा, आपको पैसा जमा कराने के लिए बहुत वक्त दिया जा चुका है, और अब अगर पैसा नहीं दे रहे हैं, तो जेल जाइए. दरअसल, सहारा को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 13 अप्रैल तक सेबी-सहारा खाते में 5,092 करोड़ रुपये जमा कराने थे।
क्या है मामला?
बता दें कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय तथा दो अन्य निदेशकों रविशंकर दुबे और अशोक राय चौधरी को ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड द्वारा 31 अगस्त, 2012 तक निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपये का रिफंड करने के आदेश का अनुपालन नहीं करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, एक निदेशक वंदना भार्गव को हिरासत में नहीं लिया गया था।