नई दिल्ली। सहारा समूह के बाजार नियामक सेबी के साथ लंबे समय से जारी विवाद का असर समूह के कर्मचारियों के वेतन पर पड़ने लगा है और नकदी संकट के कारण उन्हें वेतन देरी से मिल रहा है। नकदी संकट के कारण मुख्य रूप से सहारा समूह के कारपोरेट कार्यालयों के कर्मचारियों के वेतन में देरी हो रही है। इसके अलावा समूह कुछ संवैधानिक भुगतान भी समय पर नहीं कर पा रहा है और दैनिक परिचालन से जुड़े खर्च के लिए पैसा निकालने में भी दिक्कत हो रही है। इस बारे में संपर्क किए जाने पर सहारा के प्रवक्ता ने वेतन तथा अन्य भुगतान में देरी की पुष्टि की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भुगतान में कनिष्ठ कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जा रही है।
समूह के प्रवक्ता ने कहा,‘इस संकट के कारण हमारे कर्मचारियों के लिए भी बड़ा संकट खड़ा हो गया है और हम इसे निपटने के लिए काम कर रहे हैं। सहारा इंडिया एक बड़ा परिवार हैै और सभी कर्मचारी इसके सदस्य हैं जो कि इस मुश्किल घड़ी में साथ हैं। प्रवक्ता ने कहा समर्पित कर्मचारियों व समूह की मजबूत बुनियादी के आधार पर हमें उम्मीद है कि हम शीघ्र ही इस संकट से निकल आएंगे। सहारा समूह के पास 10 लाख से अधिक पूर्णकालिक व अंशकालिक कर्मचारी हैं। इनमें विभिन्न कंपनियों के स्थाई कर्मचारी, नियमित रूप से प्रोत्साहन भुगतान पाने वाले स्थायी कार्यकर्ता (एजेंट) शामिल हैं।