न्यूयार्क। भारत के सहारा समूह के साथ वाक-युद्ध जारी रखते हुए अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी मिराक कैपिटल ने कहा है कि वह सहारा के खिलाफ ‘अनुबंध तोड़ने’ के आरोप में कानूनी कार्रवाई करेगी। मिराक ने यह भी कहा है कि वह अपने खिलाफ ‘निराधार दुष्प्रचार’ को खत्म करने के लिए भारत के उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करेगी। मिराक ने शनिवार को एक बयान में कहा, वह सहारा के खिलाफ अनुबंध तोड़ने, चरित्र हनन करने और उसके साथ कर्ज के सौदे से जुड़ी समस्याओं को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
बयान के अनुसार मिराक समूह सौदे के संबंध में भारत के उच्च न्यायालय में औपचारिक हलफनामा पेश करने की तैयारी में भी है। सुब्रत राय के नेतृत्व वाले सहारा समूह ने आरोप लगाया है कि मिराक कैपिटल ने उसके साथ 2.05 अरब डॉलर के रिण सौदे में ‘धोखाधडी और जालसाजी’ की है। सहारा ने कहा कि उसने मिराक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। मिराक कैपिटल के भारतीय मूल के कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सारांश शर्मा ने कहा कि सहारा की ओर से लगाये जा रहे आरोप ‘तुच्छ’ हैं और समय बर्बाद करने वाले हैं जबकि सौदे का समय 20 फरवरी को पूरा होने वाला है।
उन्होंने कहा कि मुकदमे में अदालत का समय बर्बाद करने से पहले तथ्यों की सामान्य जांच और साक्ष्यों की समीक्षा से जारी दस्तावेज की बात निराधार साबित होगी।