नई दिल्ली। धन वापसी के लिए पात्र निवेशकों का पता लगाने के लिए एक और प्रयास के तहत पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सहारा की दो कंपनियों के बांडधारकों से निवेश के सबूत के साथ अपने दावे भेजने को कहा है। सेबी इससे पहले भी दो बार इसी प्रकार का प्रयास कर चुका है।
सेबी ने पिछले साल अगस्त में निवेशकों से 30 सितंबर तक रिफंड का दावा जमा करने को कहा था। उसके बाद दिसंबर में बांडधारकों से 25 जनवरी तक अपना आवेदन सेबी के पास जमा करने को कहा गया था।
हालांकि, नियामक ने अपने नये प्रयास में किसी स्पष्ट समय सीमा की घोषणा नहीं की है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सेबी ने यह कदम उठाया है। न्यायालय ने सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कारपोरेशन लि. (एसआईआरईसीएल) तथा सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कारपोरेशन लि. (एसएचआईसीएल) के बांडधारकों से उनकी विश्वसनीयता का सत्यापन कर संग्रह की गयी राशि उन्हें वापस लौटाने को कहा है।
सेबी ने सहारा की दो कंपनियों के बांडधारकों से पिछले साल अपने पहले प्रयास में 4,900 धन वापसी के दावे प्राप्त किए थे। दोनों कंपनियों ने तीन करोड़ निवेशकों से 25,780 करोड़ रूपए जुटाए थे। दूसरे प्रयास के ब्योरे का पता नहीं है।
निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सहारा की कंपनियों से सेबी के पास धन जमा करने को कहा था। समूह का दावा है कि उसने पहले ही करीब 95 प्रतिशत निवेशकों को प्रत्यक्ष तौर पर पैसा लौटा दिया है।
हालांकि, समूह ने अब तक सेबी-सहारा रिफंड खाते में 12,000 करोड़ रूपए से अधिक राशि जमा करायी है। हालांकि, नियामक अब तक निवेशकों को केवल छोटी राशि ही लौटा पाया है।