नई दिल्ली। ई-कॉमर्स दिग्गज स्नैपडील को महाराष्ट्र एफडीए से तगड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र एफडीए बिना प्रिसक्रिप्शन के दवा बेचने के मामले में स्नैपडील और इसके मैनेजमेंट के खिलाफ एफआईआर करने जा रहा है। यही नहीं एफडीआई स्नैपडील के सीईओ कुणाल बहल के खिलाफ भी एफआईआर करेगी।
गौरतलब है कि एफडीए ने पिछले हफ्ते स्नैपडील के गोरगांव स्थित कार्यालय पर छापा मारा था। स्नैपडील पर विगोरा टैबलेट, एस्कोरिल कफ सीरप, अनवांटेड 72 और आइ-पिल जैसी दवाएं ऑनलाइन बेचने का आरोप था। जबकि ये दवाएं डॉक्टर की सलाह पर ही खरीदी जानी चाहिए। ऐसी दवाओं की ऑनलाइन बिक्री खरीदार के लिए भी नुकसानदेह हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट व अमेजन जैसी अन्य ई कामर्स कंपनियों के खिलाफ भी जांच चल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे भी दवाओं की बिक्री में ऐसी ही गड़बड़ी कर रहे हैं। एफडीए से इस आशय का आदेश मिलने के तुरंत बाद नवी मुंबई पुलिस ने स्नैपडील, बहल व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली।
छापा पड़ने के बाद स्नैपडील ने इन दवाओं को वेबसाइट से हटाते हुए इनकी ऑनलाइन बिक्री रोक दी है। इसके बावजूद एफडीए कमिश्नर डॉ. हर्षदीप कांबले ने स्नैपडील के सीईओ कुणाल बहल एवं इसके निदेशकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं।
ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट-1940 के सेक्शन 18(सी) के अनुसार सिर्फ लाइसेंस प्राप्त खुदरा दवा विक्रेता ही चिकित्सक की लिखित सलाह पर ये दवाएं बेच सकते हैं। डॉ. कांबले के अनुसार इस तरह की दवाओं की ऑनलाइन बिक्री गैरकानूनी है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर 3-5 साल की सजा का प्रावधान है।