नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह से पूछा है कि उसने किन स्रोतों से 25,000 करोड़ रुपए जुटाकर निवेशकों को नकद में भुगतान किया है। कोर्ट ने कहा कि वह यह राशि जुटाने के स्रोतों का खुलासा कर पाक साफ होकर सामने आए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, भुगतान की यह बात हजम करना मुश्किल है क्योंकि इतनी बड़ी राशि स्वर्ग से नहीं गिरी होगी।
चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, आप बताएं कि इस पैसे का स्रोत क्या है? क्या आपको अन्य कंपनियों और अन्य योजनाओं से 24,000 करोड़ रुपए मिले? बैंक खातों से यह राशि निकाली? या फिर संपत्ति बेचकर यह राशि जुटाई? यह इन तीनों में से किसी एक माध्यम से होगी। पैसा उपर से नहीं गिरता। आपको बताना होगा कि यह धन आपको कहां से मिला।
पीठ ने कहा, हमें आपके मुवक्किल की निवेशकों को करोड़ों रुपए लौटाने की क्षमता पर संदेह नहीं है। वह भी सिर्फ दो महीने में नकद में। लेकिन इस बात का पूरी व्यख्या हजम नहीं होती। आप इस धन का स्रोत बताएं, उसके बाद भानुमति का पिटारा खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कोर्ट में जस्टिस ए आर दवे और जस्टिस ए के सीकरी भी शामिल हैं। पीठ अब इदस मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को करेगी। आप उस दिन की सुनवाई की शुरआत यह बताकर कर सकते हैं कि यह पैसा आपको कहां से मिला।