नई दिल्ली। अवैध सामूहिक निवेश योजनाओं से धन जुटाने संबंधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के काम में बाजार नियामक सेबी तेजी ला रहा है। सेबी ने 2015 में अभी तक 92 कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
इन कंपनियों ने आम जनता से 2,000 करोड़ रुपए से अधिक रकम जुटाई है। समझा जाता है। कि इन कंपनियों द्वारा गैर सामूहिक निवेश योजनाओं एवं अनाधिकृत सार्वजनिक निर्गमों से कहीं अधिक राशि जुटाई है। क्योंकि सेबी आम तौर पर खुद कंपनियों द्वारा किए गए खुलासों पर निर्भर होता है।
बाजार सूत्रों के मुताबिक अभी भी ऐसे बहुत सारी कंपनियां है जो सेबी के नियामक को नजरअंदाज करते हुए बाजार से अवैध तरीके से पूंजी का निर्माण कर रही है।
क्योकि इस साल अभी तक चार महीनों में सेबी द्वारा पारित किए गए आदेशों के विश्लेषण से पता चलता है कि पूंजी बाजार नियामक ने इस तरह की 92 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है जिसमें से कम से कम 40 कंपनियां पश्चिम बंगाल में स्थित हैं। इन 40 कंपनियों द्वारा अनुमानित 500 करोड़ रुपए धन जुटाए गए हैं, जबकि कुल 92 कंपनियों द्वारा करीब 2,011.60 करोड़ रुपए राशि जुटाई गई है।
इस साल पारित 92 आदेशों में से कम से कम 71 आदेश उन कंपनियों के खिलाफ हैं जिन्होंने अनिवार्य नियामकीय कानूनों का अनुपालन किए बगैर डिबेंचर या तरजीही शेयरों जैसी प्रतिभूतियां जारी कर लोगों से धन जुटाए हैं। कुल मिलाकर इन कंपनियों द्वारा निवेशकों से अनुमानित 837 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं।