रांची। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को यहां कहा कि कोयला खदानों की निलामी से देश की तिजोरी में दो लाख करोड़ रुपए और स्पेक्ट्रम की निलामी में एक लाख करोड़ रुपए भरने वाली सरकार कभी भी कार्पोरेट घरानों की हिमायती नहीं हो सकती, उल्टे जिंदल जैसे कार्पोरेट घरानों को मुफ्त में हजारों करोड़ रुपए की खदानें बांटने वाली कांग्रेस ही वास्तव में कोर्पोरेट घरानों के चंगुल में थी।
झारखंड भाजपा के प्रदेश कार्यकर्ता समागम को यहां मोरहाबादी मैदान में संबोधित करते हुए अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर किसानों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है और भाजपा पर कार्पोरेट घरानों की हिमायती होने का आरोप लगा रही है जबकि वास्तविकता यह है।
कि कांग्रेस की मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकारों ने लगभग मुफ्त में देश की दो सौ से अधिक कोयला खदानें जिंदल जैसे कार्पोरेट घरानों के हवाले कर दीं और भाजपा की केन्द्र सरकार उन्हीं कोयला खदानों की निलामी करके देश के खजाने में अब तक दो लाख करोड़ रुपए से अधिक भर चुकी है।
उन्होंने आश्वस्त किया भूमि अधिग्रहण कानून के तहत देश की एक इंच जमीन भी कार्पोरेट घरानों के हाथ में नहीं जाएगी। शाह ने कहा अब देश की जनता स्वयं समझ गई है कि वास्तव में देश की कोयला खदानों और स्पेक्ट्रम को कार्पोरेट घरानों के हाथों में लगभग मुफ्त में बेच देने वाली कांग्रेस कार्पोरेट घरानों की हिमायती थी।
अथवा उन्हीं कार्पोरेट घरानों से दो सौ से अधिक कोयला खदानों में से अब तक सिर्फ 20 की निलामी से दो लाख करोड़ रुपए से अधिक और स्पेक्ट्रम की निलामी से एक लाख करोड़ रुपए से अधिक वसूल कर देश की तिजोरी में भरने वाली भाजपा और उसकी सरकार कार्पोरेट घरानों की हिमायती है। उन्होंने कहा मैं कांग्रेस के अपने मित्रों से पूछना चाहता हूं कि आखिर मनमोहन सिंह की सरकार में कोयला खदानों की बिक्री में देश को हुए आर्थिक नुकसान को काल्पनिक ठहराने वाले लोग अब चुप क्यों हैं?