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लोन डिफाल्ट मामला : माल्या के घर-दफ्तर पर CBI का छापा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 10 2015 6:16PM | Updated Date: Oct 10 2015 6:58PM
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मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को उद्योगपति विजय माल्या के घर और दफ्तर पर छापा मारा। यही नहीं, जांच एजेंसी ने उनकी बंद पड़ी एयरलाइन कंपनी किंगफिशर के दफ्तर पर भी छापा मारा। ये छापे 950 करोड़ के लोन फ्रॉड के मामले में की गई है। ये लोन आईडीबीआई बैंक ने एयरलाइन के नकारात्मक क्रेडिट रेटिंग और नेटवर्थ के बावजूद दिया था। कर्जे में डूबी एयरलाइन के अक्टूबर 2012 में सभी ऑपरेशन बंद कर दिए गए थे। 

उन्होंने बताया कि एजेंसी ने माल्या, बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स के निदेशक, कंपनी, ए रघुनाथन, विमानन कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी और आईडीबीआई बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ऐसा आरोप है कि ऋण सीमा के मामले में नियमों का उल्लंघन कर कर्ज दिया गया। बहरहाल, सीबीआई की इस कारवाई के बारे में कंपनी से तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा वसूले न जा सकने वाले रिण (एनपीए) के मामले में आपराधिक पहलुओं की व्यापक जांच के अंग के तौर पर कथित उल्लंघन के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है। सूत्रों ने बताया कि बैंक को कंसोर्टियम से बाहर ऋण देने की कोई जरूरत नहीं थी। माल्या को जल्दी ही इस मामले में पूछ-ताछ के लिए बुलाया जाएगा।
 
विजय माल्या मामले की जांच करने वाले सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था, यह बैंक के लिए पहला ऋण था। बैंक को बैंक समूह से बाहर रिण देने की कोई जरूरत नहीं थी खासकर तब जब दूसरे ऋण  की वसूली में परेशानी आ रही थी। बैंक को अपनी आंतरिक रपट में दी गई चेतावनी को नजरंदाज कर विमानन कंपनी को ऋण देने की वजह बतानी होगी। ऋण बोझ तले दबी विमानन कंपनी ने अक्तूबर 2012 में परिचालन बंद कर दिया।
 
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने सरकारी बैंकों द्वारा कंपनियों को दिये गये कर्ज और उसकी वसूली नहीं हो पाने से जुड़े 27 मामले वर्ष 2013 में दर्ज किये हैं। गौरतलब है कि 17 बैंकों के कंसोर्टियम का किंगफिशर पर 7,000 करोड़ रूपए बकाया है और सबसे ज्यादा 1,600 करोड़ रूपए का बकाया भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का है। तत्कालीन सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा था कि बैंकों का ज्यादातर एनपीए 30 बड़े डिफाल्टर खातों से जुड़ा है।
 
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने नई दिल्ली में कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत आपराधिक षडयंत्र के साथ-साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विश्वास का आपराधिक हनन प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रवक्ता ने कहा, आईडीबीआई के अधिकारियों ने विमानन कंपनी के प्रवर्तक-निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी के साथ कथित तौर पर मिली-भगत की और बैंकिंग मानदंडों का उल्लंघन कर करीब 900 करोड़ रपए का रिण प्रदान किया जिससे बैंक को नुकसान हुआ।
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