अहमदाबाद। देश में सामान्य साइकिल बाजार में मंदी के बावजूद आयातित स्पोर्टी साइकिलों का बाजार लगातार बढ़ता जा रहा है। आयातित साइकिलों का कारोबार करने वाली देश की दस बड़ी कंपनियों में शुमार बाइक स्टूडियो के कंट्री हेड नीतिन घई ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि दो साल पहले देश के कुल साइकिल बाजार का 22 प्रतिशत हिस्सा आयातित वर्ग की साइकिलों का था जो पिछले साल बढ़ कर 27 प्रतिशत हो गया है और अगले साल इसके और विस्तारित होकर 31 से 32 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है। उन्होंने यूएनआई से कहा कि सामान्य साइकिल बाजार की मंदी से आयातित स्पोर्टी साइकिल कारोबार पूरी तरह अछूता है।
दरअसल दोनो वर्ग की साइकिलों की कीमतों में आम तौर पर 15 से 20 प्रतिशत का ही अंतर होने से लोग आयातित साइकिलों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं। गुजरात में अपने चौथे शोरूम के उद्घाटन के मौके पर यहां आये घई ने बताया कि उनके ब्रांड के देश के 18 शहरों में लगभग 20 विशिष्ट स्टोर हैं जिनकी संख्या अगले मार्च तक बढ़ा कर 30 और मार्च 2021 तक 50 करने का लक्ष्य है। गुजरात में फिलहाल आणंद, सूरत राजकोट आौर अहमदाबाद में ऐसे स्टोर हैं और आगामी मार्च तक इनकी संख्या 7 की जानी है।
उनकी कंपनी फेरारी, लांबार्गिनी, रोमेट, इनफाइनाइट, एल ए जैसे विदेशी ब्रांडों के साइकिलों का कारोबार करती है। बच्चों की साइकिलों की कीमत पांच से 16 हजार रूपये तक जबकि व्यस्कों की साइकिलों की कीमत 10 हजार से 6 लाख रू तक है। उन्होंने कहा कि टाइटेनियम की बनी कुछ साइकिलों की कीमत तो 9 से 10 लाख रूपये तक से शुरू ही होती है पर अभी इन्हें यहां नहीं लाया गया है। भारत के आयातित साइकिल बाजार में औसतन 60 हजार से एक लाख तक के कीमत की स्पोर्टी साइकिलें अधिक बिकती हैं।