नई दिल्ली। वित्त एवं कंपनी मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉर्पोरेट कर को कम करने की प्रतिबद्धता जताते हुये शुक्रवार को यहाँ कहा कि इस मामले में कोई दूसरा विचार नहीं है और कर राजस्व में बढ़ोतरी के रुख के जारी रहने पर सभी के लिए कॉर्पोरेट कर को कम कर 25 प्रतिशत किया जायेगा। सीतारमण ने उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ के राष्ट्रीय परिषद सत्र को यहाँ संबोधित करते हुये कहा कि सरकार उद्योग के लिए कठिनाइयाँ पैदा नहीं करना चाहती है। इसी के मद्देनजर कॉर्पोरेट कर को भी कम किया जायेगा, लेकिन इसके लिए कर राजस्व में बढ़ोतरी के रुख के जारी रहने तक इंतजार करना होगा।
उन्होंने कराधान के सरलीकरण और उत्पीड़न का उल्लेख करते हुये कहा कि कर को सरल बनाने पर विचार किया जा रहा है और प्रत्यक्ष कर संहिता पर बनी समिति की रिपोर्ट के 15 अगस्त को जारी किये जाने की संभावना है। इस पर सरकार तत्काल विचार भी करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनियों को कर उत्पीड़न से जुड़े मुद्दों को जानने और समझने के लिए वह स्वयं देश के छोटे और बड़ों शहरों की यात्रा करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी आधारित प्लेटफॉर्म बनाया जायेगा जहाँ उत्पीड़न के मामले डाले जा सकेंगे जिसमें पहचान बताने या नहीं बताने की सुविधा होगी।
उन्होंने कहा कि वह उत्पीड़न से जुड़े मामलों का समाधान करना चाहती हैं और इसमें यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि अधिकारों का दुरुपयोग न हो। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की भी समीक्षा किये जाने की संभावना जताते हुये उन्होंने कहा कि कोर सेक्टर और रोजगार सृजन से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जायेगी। अभी किफायती आवास क्षेत्र को प्रोत्साहित किया गया है जिससे कोर क्षेत्र पर असर पड़ने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई का सरकारी एजेंसियों और विभागों पर करीब 48 हजार करोड़ रुपये का बकाया है। पहले चरण में सरकार ऐसी बकाया राशि का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है जो किसी तरह से कानूनी मामले में नहीं फँसी हुयी है। उन्होंने कहा कि सीएसआर में आपराधिक दंड के प्रावधान की समीक्षा की जायेगी और पूर्ववर्ती तिथि से सीएसआर नोटिस जारी नहीं किये जायेंगे।