मुंबई। ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके बैंक में एक से ज्यादा अकाउंट होते हैं। लेकिन वे इन्हें इस्तेमाल नहीं करते। ऐसे ज्यादातर नौकरीपेशा लोगों के साथ होता है। कंपनी बदलने के साथ ही उन्हें अपना बैंक अकाउंट भी बदलना पड़ता है ऐसे में पहले से बने बैंक अकाउंट में ट्रांजैक्शन बंद हो जाती है। जिससे सालों तक वह अकाउंट खाली पड़े रहते हैं। और आप उन्हें बंद करवाना भूल जाते हैं। ऐसे अकाउंट को डॉर्मेंट अकाउंट कहा जाता है जिनका इस्तेमाल काफी लंबे समय से नहीं होता।
ट्रांजेक्शन नहीं होने से इनएक्टिव होता है अकाउंट
इन डॉर्मेंट अकाउंट के कारण आपको काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप ऐसे अकाउंट्स को समय रहते बंद करवा दें। पहले जिन कस्टमर्स का अकाउंट आॅपरेट नहीं होता था बैंक उन्हें इनऑपरेट कर देते थे। इसका मुख्य उद्देश्य यह होता था कि कोई दूसरा व्यक्ति गलती से डॉर्मेंट अकाउंट में फ्रॉड ना कर लें। ' यदि किसी अकाउंट में 1 साल तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता तो उसे इनएक्टिव कर दिया जाता है। इसके बाद उसमें पैसा डाला तो जा सकता है, लेकिन किसी भी तरह से निकाला नहीं जा सकता।
ऐसे करे डॉर्मेंट अकाउंट एक्टिव
अगर अकाउंट इनऐक्टिव हुआ है तो उसे ऐक्टिव कराना आसान है। बैंक के अकाउंटेंट आदि ही अपने स्तर से कर देते हैं, लेकिन डॉर्मेंट अकाउंट को ऐक्टिव कराने के लिए ब्रांच मैनेजर की जरूरत होती है।
अगर आपका बैंक अकाउंट डॉर्मेंट या इनऐक्टिव हो चुका है तो उसे ऐक्टिव कराने के लिए आपको अपने एक आइडेंटिटी प्रूफ और रेजिडेंस प्रूफ के साथ बैंक की उस ब्रांच में जाना होगा, जहां आपका अकाउंट है।
अगर अकाउंट इनऐक्टिव है तो आइडेंटिटी प्रूफ और दस्तखत वेरिफाई करके बैंक अधिकारी वहीं आपका अकाउंट ऐक्टिव कर देंगे और आप उसी दिन उससे पैसा निकाल सकते हैं।