जगदलपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीब पहुंचने वाली आदिवासी रत्नी बाई ने उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस की मांग की है। मोदी ने जांगला आगमन पर आयुष्मान योजना के शुरूवात पर मंच पर रत्नी बाई को अपने हाथों से चप्पल पहनाई थी। रत्नी बाई ने बताया कि उसे चप्पल से ज्यादा गैस सिलेंडर की जरूरत है। दूर जंगलों से इस उम्र में लकड़ी लाने में दिक्कत होती है।
उन्होंने कहा कि उसे वहां मौका नहीं मिला नहीं तो वह प्रधानमंत्री से अपने मन की ये बात जरूर कहती। रत्नी ने बताया कि उसका परिवार तेंदुपत्ता बीनने का काम करता है। इन्हें ही बेचकर दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त हो पाता है। जब तेंदुपत्तों का सीजन नहीं होता तो खेतों में मजदूरी कर परिवार अपना पेट भरता है। घर पर खाना पकाने के लिए लकड़ी लेने जंगलों में जाती है। सिर पर लकड़ी लाद कर लाती है ऐसे में काफी मुश्किल होती है। अगर उसे भी लोगों की तरह गैस सिलेंडर मिले तो अच्छा होता।