रायपुर। यात्रियों से मनमाना किराया वसूली करने वाले प्रदेशभर के बस आॅपरेटरों ने फिर से यात्रा भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी। पूरे प्रदेश में इसका असर साफ नजर आया।
और यात्री भीषण गर्मी में परेशान होते रहे। अतंत: सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया, जिसके चलते बस आॅपरेटरों ने हड़ताल समाप्त कर दी। एक ओर जहां अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की धमकी देकर हमेशा सरकार पर दबाव बनाते आ रहे है, बस आॅपरेटरों द्वारा स्वयं परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों का पालन नहीं कर रहे है। बसों में क्षमता से अधिक यात्री, बसों का कलर, प्रतिबंधित सड़कों पर चलाना, कहीं भी अचानक रोक देना, बसों में यात्रियों को सुविधा न देना, विकलांग व महिलाओं के लिए सीट आरक्षित न रखना, मनचाहा किराया वसूलना आदि सहित अनेकों नियमों का बस आॅपरेटरों द्वारा पालन नहीं किया जाता बावजूद उनके विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
नई किराया नीति पर आक्रोश
उल्लेखनीय हो कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद लगातार डीजल-पेट्रोल की कीमतों में गिरावट आई थी। इस गिरावट के बावजूद बस आॅपरेटरों द्वारा बसों का किराया नहीं घटाया गया था और यात्रियों से पहले की तरह मनमाना किराया वसूल करते रहे। इस संबंध में बाद में परिवहन विभाग के अधिकारीगण भी जागे और बस आॅपरेटरों की मनमाना तरीके से वसूला जा रहा किराया को रोकने नई किराया नीति लागू की। इस नीति के तहत प्रति किलोमीटर की दर से यात्री किराया तय किया गया। लेकिन परिवहन विभाग के इस नई नीति को न मानते हुए बस आॅपरेटरों द्वारा इसका खुलेआम उल्लंघन करते हुए यात्रियों से पुरानी दर पर ही किराया वसूलते रहे। इधर चालू माह में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में दो बार इजाफा होने के बाद बस आॅपरेटरों ने एक बार फिर किराया में वृद्धि करने की मांग शुरू कर दी है।
ये वहीं बस आॅपरेटर है जो परिवहन विभाग की नई नीति की धज्जियां उड़ाते रहे और जिनके द्वारा डीजल-पेट्रोल के दाम कम होने के बावजूद यात्रियों से अधिक किराया वसूलते रहे। अब जब पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफा हुआ है तो बस आॅपरेटरों द्वारा किराया में वृद्धि करने की मांग को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे है।
ट्रेन, सिटी बसें व आॅटो रिक्शा बने सहारा: प्रदेश भर में यात्री बसों के पहिए थमने के बाद बसों से सफर करने वाले यात्रियों को सिटी बसें, आॅटो रिक्शा व ट्रेनों का सहारा लेना पड़ा। हालांकि इसके बाद भी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में जाने के लिए ट्रेनों का सहारा लेने वाले लोगों को पहले आॅटो, सिटी बस या अन्य साधनों के माध्यम से भीषण गर्मी में लंबा सफर तय कर स्टेशन पहुंचना पड़ा। यहां पहुंचने के बाद भी लोगों की परेशानी कम नहीं हुई। टिकट लेने से लेकर ट्रेन में सफर करने में उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
गर्मी की छुट्टियों के कारण टे्रनों में भी इन दिनों भारी भीड़ चल रही है। ऐसे में बसों से सफर करने वाले यात्रियों के बड़ी संख्या में ट्रेन में सफर करने से सभी टे्रेनें हाउस फूल चल रही है। पैसेंजर से लेकर एक्सप्रेस ट्रेनों में भी यात्रियों की खचाखच भीड़ है।