कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कोंडागांव जिले के दूरदराज गांवों के निवासियों को झोलाछाप चिकित्सकों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर इन दिनों गांव में डेरा डालकर उनका इलाज कर रहे हैं। सात दिन से चलाए जा रहे इस अभियान में जुटे डॉक्टर अब तक 300 ग्रामीणों का उपचार कर चुके हैं। ग्रामीणों के उपचार में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ने यह अभिनव पहल कराई है। पहल का मुख्य उद्देश्य लोगों को झाड़फूंक के चक्कर से दूर रखने का है। ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की इस पहल का असर बड़े पैमाने पर हो रहा है।
अब सामान्य बीमारियों के उपचार के लिए जिला मुख्यालय तक की दौड़ नहीं लगानी पड़ रही। इस दस्ते में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके कंवर, खंड चिकित्सा अधिकारी आरके सिंह के साथ कई अन्य चिकित्सक भी शामिल हैं। डॉ कंवर ने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर उन्हें यह सुविधा दी जा रही है। गांव में कोई ग्रामीण नहीं मिलता तो खेत में जाकर उन्हें बुलाया जाता है और उनका उपचार किया जाता है। करीब 300 ग्रामीणों का उपचार किया गया है।
पहली बार गांव-गांव लगाए जा रहे इस कैंप को लेकर कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के काम की तारीफ की। उन्होंने कहा कि सालों बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक उम्मीद के मुताबिक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी के चलते ग्रामीणों को कई बार सामान्य बीमारी से निजात पाने के लिए जिला मुख्यालय के चक्कर लगाने के साथ ही काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इस नई कवायद से ग्रामीणों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि अभियान में अधिक से अधिक डॉक्टर्स जुड़ें, इसके लिए विभाग को और अधिक कोशिश करनी होगी।