सुसनेर। आज के समय में आपने दो सगे भाइयों के बीच जमीन-जायदाद व पारिवारिक विवाद होते हुए सुना होगा और वो भी ऐसे कि जो दोनों भाइयों को एक दूसरे की जान का दुश्मन तक बना देता है, इसके विपरीत आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि एक संयुक्त परिवार के एक समान नाम वाले दो चचेरे भाइयों में इतनी आत्मीयता है कि उन्होंने शादी भी काफी तलाश के बाद एक ही नाम वाली अलग-अलग क्षेत्र की महिलाओं से की और अपनी पहली संतान का नाम भी एक समान ही रख लिया। उनकी संतानों की संख्या भी समान है।
नगर से तीन किलोमीटर दूर स्थित ग्राम कायरा में निवासी करने वाले सौंधिया समाज के संयुक्त परिवार के दो भाई पूराजी और लालसिंह के बेटों का नाम नाथूसिंह है, इन दोनों नाथूसिंह संह नाम के भाइयो का देवबाई नामक अलग-अलग महिलाओं से विवाह हुआ है।
दोनों भाइयों के परिवार में समान सदस्य संख्या में तीन-तीन बेटे और एक-एक बेटी है। इनमें से दोनों के सबसे बड़े बेटो का नाम भी एक जैसा ही कालूसिंह है। है ना आश्चर्यजनक। इन दोनों भाइयों के पिता आपस में भाई थे जिनमें से बड़े भाई पूराजी के चार बेटे और दो बेटी तथा छोटे भाई लालसिंह के तीन बेटे और तीन बेटियां तथा पुत्र-पौत्र सहित कुल 60 सदस्यों का परिवार है, जो चौथी पीढ़ी के बाद भी आज एक साथ संयुक्त रूप से एक ही स्थान पर रहता है। इनमें से दोनों के एक-एक बेटे का नाम समान रख दिया गया। जिनकी समानता आज भी उनके परिवार की समानता के साथ बनी हुई है। इन सभी के बीच कुल 25 बीघा जमीन है जिस पर होने वाली खेती इनके परिवार की आय का मुख्य स्रोत है।
पत्नियों के साथ-साथ ससुर के नाम भी एक
कायरा के इन दोनों भाइयों की पत्नियां अलग-अलग क्षेत्र से हैं। एक भाई का ससुराल चक सुसनेर है तो दूसरे भाई का ससुराल बड़ौद तहसील के खजुरी ग्राम में है और सबसे खास बात यह है कि इन दोनों भाइयों की पत्नियों के नाम तो एक समान हैं ही ससुर के नाम भी शिवसिंह हैं।