रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने करीब 40 साल पहले ग्रामीणों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से बस्तर के जंगलो में काजू के पेड़ लगवाए थे। लेकिन अब यह जंगल तेजी से कम हो रहा है।
सूत्रों ने बताया कि बस्तर के बकावंड, चित्रकोट समेत कई अन्य स्थानों पर एक हजार 789 हेक्टेयर में काजू के पौधे रोंपे गए थे, लेकिन अब ग्रामीण कम फल लगने की बात कर पुराने काजू के पेड़ों को काट रहे हैं।
इसके चलते जंगल सिमटने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि पुराने पेड़ों में पैदावार कम हो गई है, इसलिए लोग जलाऊ लकड़ी के लिए पुराने पेड़ काट रहे हैं।
वहीं बकावंड रेंज के रेंजर सुषमा नेताम के मुताबिक ग्रामीणों को समझाया जा रहा है कि जब तक नए पेड़ फल देने लायक न हो जाएं, पुराने पेड़ों को नुकसान न पहुंचाएं।
काजू प्लाट की खाली जगह में नए पौधे रोंप कर जंगल फिर से आबाद करने की कोशिश हो रही है। वहीं श्रमदान से रोंपे गए इन पौधों को बचाने के लिए वन सुरक्षा समिति, स्व सहायता समूहों की मदद ली जा रही है।