रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के लगभग तीस लाख श्रमिकों को अगले दस वर्ष तक राज्य सरकार के खर्च पर बीमा सुरक्षा प्रदान करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि इनमें से लगभग सत्रह लाख असंगठित श्रमिकों और प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 13 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहक सदस्यों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में शामिल करते हुए प्रत्येक श्रमिक के लिए 12 रूपए की सालाना प्रीमियम राशि राज्य शासन की ओर से दी जाएगी। प्रत्येक श्रमिक का दो लाख रूपए का दुर्घटना बीमा होगा।
मुख्यमंत्री ने राजधानी रायपुर के इण्डोर स्टेडियम में रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में आयोजित श्रमिक सम्मेलन में यह घोषणा की। सम्मेलन का आयोजन छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा रायपुर जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के कल्याण के लिए राज्य शासन द्वारा कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए श्रमिकों से सीधे श्रम विभाग के नजदीकी कार्यालय आने का आग्रह किया।
योजनाओं के चेक वितरीत
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में ग्यारह हजार 138 श्रमिक परिवारों को भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की ओर से विभिन्न योजनाओं के तहत चेक वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रतीक स्वरूप कई हितग्राहियों को चेक प्रदान किए। इनमें से दो हजार असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के दायरे में लाकर उन्हें प्रमाण पत्र दिए गए। इनके लिए 12 रूपए सालाना की दर से 24 हजार रूपए की प्रीमियम राशि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा जमा की गई।
इसके अलावा मुख्यमंत्री साइकिल सहायता योजना के तहत लगभग तीन हजार श्रमिकों को साइकिल खरीदने के लिए 90 लाख रूपए से अधिक राशि के चेक दिए गए। इनमें एक हजार 560 महिला श्रमिक और एक हजार 496 पुरूष श्रमिक शामिल हैं। भवन निर्माण गतिविधियों से जुड़े श्रमिक परिवारों के चार हजार 379 बच्चों को नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के तहत 42 लाख 75 हजार 750 रूपए के चेक दिए गए। वहीं मेधावी छात्र-छात्रा प्रोत्साहन योजना के तहत करीब एक हजार मेधावी बच्चों को 30 लाख 67 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी गई।
ऑनलाइन पंजीयन सुविधा
डॉ. सिंह ने कहा कि इन योजनाओं में श्रमिकों को ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा दी जा रही है। राज्य में स्थित तीन हजार से अधिक च्वॉइस केन्द्रों में आकर श्रमिक अपना पंजीयन करवा सकते हैं। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि राज्य में कार्यरत असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के बच्चों को इंजीनियरिंग तथा मेडिकल कॉलेजों सहित आई.टी.आई और नर्सिंग प्रशिक्षण के विभिन्न पाठ्यक्रमों में नि:शुल्क शिक्षा की सुविधा देने का प्रावधान किया गया है। डॉ. सिंह ने श्रमिक परिवारों से अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए इसका भी लाभ उठाने की अपील की। डॉ. सिंह ने श्रमिकों से कौशल उन्नयन के लिए विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण प्राप्त करने का भी आव्हान किया।