अम्बिकापुर। प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन एवं नाश्ता मुफ्त में मिल सकता है, इस पर आप शायद ही यकीन करे पर यह सच है।इस तरह की अभिनव पहल छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में हुई है,जहां आधा किलो प्लास्टिक कचरे को देने पर नाश्ता एवं एक किलों कचरा देने पर खाना दिया जा रहा है। जिला प्रशासन एवं नगर निगम की संयुक्त पहल से शहर के बस स्टैन्ड पर शुरू जिस गार्बेज कैफे में मुफ्त में खाना एवं नाश्ता दिया जा रहा है,वह कैफे केवल कचरे देने वालों के लिए ही नही बल्कि सभी के लिए है जिसमें हर वर्ग के लोग लजीज व्यंजनों का स्वाद उठा सकते है।छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने कल इस कैफे का विधिवत शुभारंभ किया,और इस तरह की अभिनव सोच की सराहना की।
सिंहदेव ने कहा कि आज सिंगल यूज प्लास्टिक की निपटान की समस्या विकराल रूप ले चुकी है ऐसे में अम्बिकापुर में प्लस्टिक कचरे को व्यवस्थित संकलित करने लोगों को प्रेरित करने के लिए गार्बेज कैफ शुरू करने की अनूठी पहल निश्चित ही सकारात्मक परिणाम लाएगी।उन्होने भी आम लोगो एवं कचरा देकर टोकन लेकर मुफ्त में खाना खाने वालों के साथ दोपहर का भोजन भी किया। उन्होंने कहा कि एक किलो प्लास्टिक के कचरा लाने से लोगों को भरपेट खाना मिलेगा।
वहीं आधा किलो कचरा लाने पर नाश्ता की व्यस्था इस गार्बेज कैफे में किया गया है। इससे एक ओर जहां प्लास्टिक के कचरों का संकलन होगा वहीं जरूरत मंदो को भोजन और नाश्ता भी मिल पाएगा। नगर निगम द्वारा गार्बेज कैफे संचालन का कार्य एक व्यवसायी को सौंपा है। यहां कचरे को वजन करने तथा टोकन देने की व्यवस्था की गई है। कोई भी व्यक्ति प्लास्टिक का कचरा लाकर वजन करा सकता है तथा वजन के अनुसार उसे भोजन अथवा नाश्ते का टोकन दिया जाएगा।
गार्बेज कैफे में डायनिंग हाल बना हुआ है जहां बैठकर भोजन एवं नाश्ता आराम से कर सकते हैं। स्वच्छता में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके आम्बिकापुर के महापौर डा.अजय तिर्की पेश से डाक्टर है। उनकी सलाह पर इस कैफे का नामकरण..मोर द वेस्ट,बेदर द टेस्ट..दिया गया है।उन्होने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि कैफे के संचालन में लोगो की स्वच्छता अभियान में भागीदारी बढ़ेगी।उन्होने बताया कि इस कैफे की योजना का जब ट्वीट किया गया तो देश दुनिया में इसकी सराहना हुई। कैफे में स्वच्छता को संदेश देने वाले नारे भी लिखे गए है।