रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छोटे-छोटे नालों के माध्यम से बहने वाले पानी का उपयोग रिचार्जिंग के माध्यम से भू-जल स्तर को ऊंचा उठाने पर जोर दिया है। बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में वन, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, कृषि विभाग सहित संबंधित विभिन्न विभागों के अधिकारियों तथा विशेषज्ञों के साथ इस बारे में गहन विचार-विमर्श किया।बैठक में मुख्यमंत्री ने वन विभाग, जल संसाधन विभाग तथा विशेषज्ञों द्वारा वॉटर रिचार्जिंग, जल संवर्धन और जल संचयन हेतु बनाए गए डिटेल प्रोजेक्ट मॉडलों को आडियो-वीडियो प्रस्तुतिकरण के माध्यम से देखा।
उन्होने कहा कि राज्य में सतही जल और जमीन की नमी बढ़ाने विशेष करके भू-जल स्तर को ऊंचा उठाने के लिए वैज्ञानिक ढंग से प्रयास किए जाए। उन्होंने इसके लिए मॉडल एवं प्रस्ताव बनाने के लिए वन विभाग, जल संसाधन विभाग तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मिल जुलकर समन्वित प्रयास करने को कहा।उन्होंने कहा कि पूरे देश सहित छत्तीसगढ़ में भू-जल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है और अनेक बार जल संकट की स्थिति बनती है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव सी.के.खेतान ने गरियाबंद जिले के काजल नदी में गिरने वाली तथा वन एवं पहाड़ी क्षेत्र में बहने वाली करीब 14 किलोमीटर लम्बी बेन्द्रा नाला के वाटर रिर्चाजिंग के लिए बनाए गए डिटेल प्रोजेक्ट तथा जल संसाधन विभाग से सचिव अविनाश चम्पावत ने धमतरी जिले के धमधा विकासखण्ड नवागांव के नवागांव से बिरेमार बहने वाली 15 किलोमीटर लम्बे नाला के जल संवर्धन के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट तथा रायपुर जिले के धरसींवा विकासखण्ड के कोल्हान नाला के सहायक टेगना नाला के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट का ऑडियो-वीडियो प्रस्तुतिकरण किया।
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया, महिला एवं बल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, मुख्य सचिव सुनील कुजूर, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।