भविष्य में आईटी सेक्टर में उन लोगों के लिए रोजगार हासिल करना मुश्किल होगा जो केवल बी.टेक की डिग्री के भरोसे नौकरी की तलाश में आ रहे है। आने वाले समय में कंपनियां पोस्ट ग्रेजुएट खासकर विशेषज्ञता हासिल करने वाले युवाओं को वरीयता देंगी। यह कहना है इंसोसिस के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफीसर मोहनदास पई का।
उन्होंने कहा कि अच्छी नौकरी पाने के लिए बी. टेक की डिग्री पर्याप्त नहीं होगी। युवाओं को एम. टेक की डिग्री लेनी चाहिए और किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल भी लेनी चाहिए।
कंपनियां क्यों करे ट्रेनिंग में समय नष्ट
पई की सलाह है कि छात्रों के पास एमटेक की डिग्री और किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता जरूर होनी चाहिए। अतिरिक्त कक्षाएं लेकर वे कोडिंग जरूर सीखें, क्योंकि भविष्य में कंपनियां उनके कोडिंग ज्ञान के आधार पर नौकरियां देंगी। अब कंपनियां आपको कच्चे घड़े के रूप में नौकरी देकर आपको संवारने के लिए छह महीने की ट्रेनिंग नहीं देंगी और न ही इसके लिए सैलरी मिलेगी।
मांग कम, आपूर्ति ज्यादा
पई से जब यह पूछा गया कि दो दशकों से IT इंडस्ट्री में फ्रेशर्स की सैलरी उतनी तेजी से क्यों नहीं बढ़ी तो इस उन्होंने बताया कि, 'यह सच है कि कंपनियों ने उतनी तेजी से तरक्की नहीं की है। सप्लाई (फ्रेशर्स की) भी बढ़ी है, लेकिन मार्केट में डिमांड नहीं है। मोहनदास पई इस समय मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमैन का पद संभाल रहे है।