मेडिसिन में स्पेशलाइजेशन के लिए उपलब्ध विकल्पों में डर्मेटोलॉजी काफी लोकप्रिय हो गई है। मौजूदा समय में फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन कहावत को इतनी गंभीरता से लिया जा रहा है कि व्यक्ति के रूप को व्यक्तित्व का महत्वपूर्ण अंग माना जाने लगा है। इस कारण लोगों में अपने रूप और व्यक्तित्व को लेकर चिंता का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
यहां तक कि कॉलेज जाने वाले छात्र भी खुद को आकर्षक दिखाने की गरज से काफी पैसा खर्च कर रहे हैं। अपने रूप को लेकर लोगों में गंभीरता का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि वह चेहरे पर छोटा-सा मुंहासा हो जाने भर से परेशान हो उठते हैं। कई बार वे ऐसी परेशानियों को इस कदर अपने ऊपर हावी कर लेते हैं कि घर से बाहर निकलना भी छोड़ देते हैं। ऐसे माहौल में रूप निखारने का दावा करने वाली फेयरनेस क्रीमों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।
डर्मेटोलॉजिस्ट का काम
इनका मुख्य कार्य त्वचा, बाल, नाखूनों और मुंह पर दुष्प्रभाव डालने वाली बीमारियों का उपचार करना होता है। इसके लिए वे दवाओं या सर्जरी का इस्तेमाल करते हैं। त्वचा कैंसर व उसी तरह की बीमारियों से जूझ रहे रोगियों के उपचार में भी वह सहयोग करते हैं। क्लिनिक या अस्पताल में पहले मरीजों के रोग प्रभावित अंग का निरीक्षण करते हैं। जरूरी होने पर वह रोग की गंभीरता जांचने के लिए संबंधित अंग से रक्त, त्वचा या टिश्यू का नमूना भी लेते हैं।
इन नमूनों के रासायनिक और जैविक परीक्षणों से पता लगाते हैं कि रोग की वजह क्या है। चेहरे और अन्य अंगों को आकर्षक बनाने के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट कॉस्मेटिक सर्जरी भी करते हैं। त्वचा की झुर्रियों और दाग-धब्बे खत्म करने के लिए वे डर्मेब्रेशन जैसी तकनीक और बोटोक्स इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं। वह लेजर थैरेपी का भी इलाज में उपयोग करते हैं। इससे झुर्रियों और त्वचा पर होने वाले सफेद दाग का इलाज किया जाता हैं।