इंदौर। 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सोमवार को घोषित किया, जिसमें करीब आधे परीक्षार्थी फेल हो गए हैं। जिले की प्रावीण्य सूची में चार छात्राएं शामिल हैं। इस वर्ष हाई स्कूल परीक्षा परिणाम जिले में 55.13 प्रतिशत और संभाग में 61.26 प्रतिशत रहा।
परीक्षाएं 2 मार्च से 29 मार्च तक आयोजित की गई। जिले में 38 हजार 948 परीक्षार्थी शामिल हुए। इनमें 21 हजार 760 छात्र और 17 हजार 188 छात्राएं शामिल हुईं। 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 762 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। 10828 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में, 9121 परीक्षार्थी द्वितीय श्रेणी में एवं 1523 परीक्षार्थी तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए।
हाई स्कूल की परीक्षा में 8633 परीक्षार्थियों को पूरक की पात्रता मिली, जबकि दस्तावेजों की कमी या अन्य कारणों से सात परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम रोक लिए गए। 10वीं की परीक्षा में 8836 परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण रहे। इस तरह कुल 21472 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। जिनमें 10597 छात्र, 10875 छात्राएं शामिल हैं। इस तरह 48.70 प्रतिशत छात्र एवं 63.28 प्रतिशत छात्राएं सहित कुल 55.13 प्रतिशत रहा।
जिले की मेरिट सूची में चार छात्र-छात्राएं
हनी वाधवानी 579
नुपूर बारी 577
कृतिका जैन 577
अश्विनी चौहान 575
देवास की श्रद्धा ने प्रदेश मेरिट में 7वां स्थान प्राप्त किया
उत्कृष्ट विद्यालय की छात्रा श्रद्धा गायकवाड़ ने प्रदेश की मेरिट सूची में 7वां स्थान प्राप्त किया। श्रद्धा पिता शंकर गायकवाड़ ने बिना किसी ट्यूशन के विद्यालय एवं देवास का नाम प्रदेश में गौरवान्वित किया।
टॉप फाइव
प्रथम- मुकेश चंदेल (589), शाजापुर एवं दिव्या यादव (589) पाटन जबलपुर
द्वितीय- रामप्रकाश गुप्ता, शहडोल एवं जितेंद्र परमार, शाजापुर (दोनों 588)
तीसरा- अनुपम मिश्रा (587), पन्ना
चौथा- धीरेंद्र कुमार सोनी, सुंदरा पन्ना, प्रत्युष मिश्रा, उमरिया, स्वाति शर्मा, हरसूद खंडवा (सभी 586)
पांचवां- अजीत सिंह-रीवा, ईश्वर-गुलाना शाजापुर, अमन कारपेंटर - छापीहेड़ा राजगढ़, विवेक कुमार, देवरी रायसेन, सीमा बाई-मगरधा नरसिंहपुर (सभी 585)
फेल हुए तो अगले महीने फिर मिलेगा मौका
राज्य सरकार ने 10वीं व 12वीं में फेल विद्यार्थियों को एक मौका और देने की योजना तैयार की है। इसमें छात्रों को उन विषयों में परीक्षा देना होगी, जिसमें वे फेल हुए हैं। दोनों परीक्षाओं का रिजल्ट एक ही कॉपी में मिलेगा। शासन ने योजना का नाम ‘रुक जाना नहीं’ रखा है। छात्रों को एमपी आॅनलाइन से 20 मई तक फॉर्म जमा करना होगा। परीक्षा राज्य ओपन बोर्ड के माध्यम से ली जाएगी। 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं जून में होंगी, जबकि रिजल्ट जुलाई में दिया जाएगा। 12वीं में दो लाख से ज्यादा छात्र फेल हुए हैं।
इसलिए बनाई योजना
रिजल्ट बिगड़ने पर विद्यार्थी घबराकर गलत कदम उठा लेते हैं। हमने इसी को देखते हुए योजना तैयार की है। इसके तहत कक्षा 10वीं व 12वीं दोनों के छात्रों को एक अवसर और मिल पाएगा। उन्हें राज्य ओपन बोर्ड के माध्यम से उन विषयों की परीक्षा देना होगी, जिसमें वे असफल रहे थे। दोनों परीक्षाओं का रिजल्ट एक ही दिया जाएगा, ताकि छात्र को भविष्य में कोई परेशानी न हो।
पारस जैन स्कूली शिक्षामंत्री, मप्र शासन