1 आप अंग्रेजी भाषा पर अपनी पकड़ बनाना चाहते है तो सबसे पहले ग्रामर सींखे। ग्रामर पहले पढकर ही लेंग्वेज सीखी जाती हो, ऎसा नहीं है। हमने अपनी मातृभाषा भी बिना ग्रामर पढे समझने और बोलने की प्रैक्टिस करके ही सीखी थी। ग्रामर भले ही सीधे अंग्रेजी की प्रैक्टिस नहीं कराती, पर वह एक सही स्टेज पर सीखने में भी सहायक होती है और उसकी गलतियां भी दूर करती है।
जैसे हम सामान्य रूप से चलना तो बचपन में गिरते-प़डते सीख जाते हैं, पर सैनिक बनना चाहें तो माचिं ग के लिए हमें नियम-कायदे सीखने ही होते हैं और उसकी प्रैक्टिस भी उतनी ही जरूरी है। इस तरह की ग्रामर वॉकिंग सीखे हुए को माचिं ग सिखा देती है अत: बोलने प्रैक्टिस करते हुए ग्रामर का भी सहारा लें।
2 शब्दकोश बढाएं याद रखें भाषा की नींव शब्दों के साथ-साथ सेंटेंस हैं, पर सेंटेंस शब्दों के सही संयोग से ही बनते हैं तो हम लगातार नए शब्दों को सेंटेंस व सही रिफरेंस में सीखते चले जाएं। किसी शब्द की केवल सही स्पेलिंग और मिनिंग याद कर लेना पर्याप्त नहीं है। उसका सही जगह उपयोग भी आना चाहिए।
3 अंग्रेजी सिखने के लिए डिक्शनरी आपके पास होनी ही चाहिए, जिसमें से मिनिंग निकालें और याद करें। इसमें से ही आप शब्दों के अर्थ को समझ पाएंगे। शब्दों के अर्थ भी संदर्भ से जुडकर बदलते रहते हैं, तो उन्हें वाक्यों में प्रयोग करना सीखना चाहिए व सही परिस्थिति से जोडकर। तो, शब्द कोश की लगातार बढ़ोतरी से भाषा सीखने में उसी तरह मदद मिलती है जैसे किसी बिल्डिंग बनाने में लगातार मटेरियल लाना ही प़डता है।
4 अगर आपको म्यूजिक सुनने का बहुत शौक है तो आप चाहे तो नेट या यूट्यूब पर इंगलिश सॉन्ग सुने या हर शब्द को ध्यान से सुने सिंपल और साफ गीतों के संस्करणों और शब्दों के होने चाहिए। जिससे सुन कर आपको अच्छा फील हो।
5 अंग्रजी चूंकि हमारे यहां आम भाषा नहीं है तो उसका हमें ठीक मातृभाषा की तरह का माहौल तो नहीं मिल सकता, पर बहुत-कुछ वैसा ही हम निर्मित कर सकते हैं। टीवी देखें तो अंग्रेजी में चल रहे कार्यक्रम बार-बार ध्यान से सुनते रहें, भले ही उनकी बातें आप पूरी तरह न भी समझ पाएं। इसी तरह रेडियो या ट्रांजिस्टर पर भी अंग्रेजी न्यूज पेपर और दूसरे अंग्रेजी के कार्यक्रम सुनते रहें। याद रखें, भाषा सीखने का पहला कदम सुनते रहने से ही शुरू होता है। हिन्दी न्यूज पेपर के ठीक बाद यदि अंग्रेजी न्यूज पेपर भी टीवी पर उन्हीं दृश्यों के साथ देखेंगे तो निश्चित रूप से आपकी अंग्रेजी की समझ लगातार बढ़ती जाएगी।
6 सुने हुए सेंटेस को खुद बोलने की प्रैक्टिस पहले तो सही रिफरेंस में आप सीन देखकर कोई बात सुनेंगे तो नि:संदेह बहुत-कुछ समझ में आएगा। सुनते हुए छोटे-छोटे सेंटेंस बने तो नोट कर लें या याद रह जाएं तो उन्हें बार-बार दोहराएं। उन्हीं में नामों की जगह अपने घर के लोगों के नाम रखकर वैसे ही और वाक्य भी बोलें।
याद रखें, अंग्रेजी भी अन्य भाषाओं की तरह पहले बोलना सीखनी चाहिए, लिखना व पढना बाद में। अपने भाई-बहनों और फ्रेड सर्कल के बीच डिस्कशन में बोलते रहने का अभ्यास बहुत करें। बोलने में थो़डी गलती होगी तो उसकी परवाह न करें, क्योंकि मातृभाषा सीखते समय हमारे घर के बच्चे भी गलती करके सीखते हैं। हां, अगर ठीक बोलने में घर के किसी बडे या अंग्रेजी ट्यूटर की भी मदद मिल सकती हो, तो बोलना जल्दी आ सकेगा और गलतियां भी कम होती जाएंगी।