28 Mar 2024, 15:55:38 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

महंगे होंगे ड्रेस, ट्राउजर, सूट और बच्चों के कपड़े

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 18 2018 10:24AM | Updated Date: Jul 18 2018 10:25AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। सरकार ने जैकेट, सूट और कारपेट जैसे 50 टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी दोगुनी करके 20 फीसदी तक कर दी है। सरकार की इस पहल का उद्देश्य डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। सेंट्रल बोर्ड आॅफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम (सीबीआईसी) ने बीती रात ऐसे टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स की लिस्ट जारी की थी, जिन पर ड्यूटी बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है। इसके साथ ही चुनिंदा आइटम्स पर एड.वैलोरम रेट आॅफ ड्यूटी में भी इजाफा किया गया है।
 
डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगा बूस्ट 
इससे साफ है कि वुवेन फैब्रिक्स, ड्रेस, ट्राउजर, सूट और बच्चों के कपड़ों का इंपोर्ट महंगा हो जाएगा। फियो के डीजी अजय सहाय ने कहा अधिकांश टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स पर ड्यूटी दोगुनी कर दी गई है। इसे डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी पर बांग्लादेश सहित अल्पविकसित देश को भारत में ड्यूटी फ्री एक्सेस की छूट मिलती रहेगी।
 
एक्सपर्ट ने कहा कि डब्ल्यूटीओ नॉर्म्स के तहत अब भारत टेक्सटाइल सेक्टर को और इंसेंटिव नहीं दे सकेगा और सरकार ने डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोत्तरी की है। अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) में पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा मेक इन इंडिया इनीशिएटिव के क्रम में टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स की बड़ी रेंज में इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी में बढ़ोत्तरी से इन प्रोडक्ट्स की डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए।
 
विदेशी कंपनियां भारत में शुरू कर सकती हैं मैन्युफैक्चरिंग
डेलॉइट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने कहा कि चुनिंदा तैयार प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी में बढ़ोत्तरी से भारतीय टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग ज्यादा प्रतिस्पर्धी होगी और मेक इन इंडिया को बूस्ट मिलेगा। उन्होंने कहा कई विदेशी कंपनियां अब डॉमेस्टिक डिमांड पूरी करने के लिए भारत में मैन्युफैक्चरिंग पर विचार कर सकती हैं। जून में टेक्सटाइल यार्न, फैब्रिक, मेड-अप आर्टिकल्स का इंपोर्ट 8.58 फीसदी बढ़कर 16.864 करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि कॉटन/ फैब्रिक्सध्मेड-अप्स, हैंडलूम प्रोडक्ट्स आदि का एक्सपोर्ट 24 फीसदी बढ़कर 98.62 करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »