नई दिल्ली। किसानों की आय बढ़ाने के सरकार के लक्ष्य की प्राप्ति में वालमार्ट इंडिया भी भागीदारी कर रही है। कंपनी किसानों से न सिर्फ कृषि उत्पाद सीधे खरीद रही है बल्कि उन्हें खेती की उन्नत तकनीक उपलब्ध करा कर उन्हें उपज बढ़ाने में भी मदद कर रही है। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कंपनी ने खासतौर पर एक अनूठा ‘सुनहरा प्रयास’ भी शुरू किया है। सरकार के सामने इस लक्ष्य को पाने की दिशा में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि किसानों को उनकी उपज के खुदरा भाव का 30 प्रतिशत से भी कम दाम मिलता है। इसके अतिरिक्त पैदावार में भी बड़ी दिक्कत है। ब्राजील और चीन जैसे विकासशील देशों के मुकाबले भारत में किसानों की यील्ड 40 प्रतिशत कम है।
वालमार्ट इंडिया ने किसानों से सीधे खरीद की अवधारणा शुरू की है। इसके अतिरिक्त कंपनी ई मंडियों के जरिए भी खरीद करती है। इसी तरह कंपनी ने खेती के आधुनिकीकरण के प्रयास भी शुरू किए हैं। इस कार्यक्रम के तहत वालमार्ट इंडिया बेहतर क्वालिटी के बीज और खाद उपलब्ध कराने में भी किसानों की मदद कर रही है। साथ ही खेती की नई तकनीक से भी किसानों को परिचित कराया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा कंपनी खेत में नई तकनीक अपना कर उससे होने वाले फायदे किसानों को दिखाती है।
वालमार्ट इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रजनीश कुमार ने बताया कि कंपनी ‘सुनहरा प्रयास’ के नाम से एक कार्यक्रम फिलहाल उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पंजाब में चला रही है। इसे इंडियन सोसाइटी आॅफ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल्स (आइसैप) के सहयोग से चलाया जा रहा है। कंपनी का अनुमान है कि इन सभी प्रयासों से वित्त वर्ष 2028 तक किसानों की आय में साढ़े छह से सात अरब डालर की वृद्धि की जा सकती है। इसमें ग्रोसरी से होने वाली बिक्री की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत होगी जो कुल रिटेल बिक्री का अभी 30 प्रतिशत है। आय में इस वृद्धि में कंपनी की तरफ से किसानों से होने वाली सीधी खरीद की हिस्सेदारी साढ़े तीन अरब ड़ालर की हो सकती है, जबकि उत्पादकता में सुधार की वजह से उनकी आय में करीब डेढ़ अरब डालर की वृद्धि हो सकती है। बाजारों का दायरा बढ़ने से किसानों की आमदनी में करीब एक अरब डॉलर की बढ़त दिख सकती है। किसानों की आय में यह वृ्द्धि उत्पादकता में सुधार और किसानों की उपज कंपनियों द्वारा सीधे खरीद लेने से होगी।