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डिजिटल क्रांति ने बदली रेल यात्रियों की दुनिया - 50 से ज्यादा मोबाइल एप दे रही सेवाएं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 21 2018 10:29AM | Updated Date: Jun 21 2018 10:30AM
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इंदौर। डिजिटल इंडिया की ओर कदम बढ़ाते हुए रेलवे ने अपने यात्रियों को उनकी जरूरत के हिसाब से ऐसी करीब 50 मोबाइल एप्लीकेशन बना दी, जो यात्रा शुरू करने से पहले से खत्म होने तक काम आती हैं। इन मोबाइल एप्लीकेशन का फायदा ये है कि अब शिकायत या मदद के लिए लैंडलाइन नंबरों या व्यक्ति विशेष की मदद की जरूरत खत्म हो गई है और एक सिस्टम के तहत रेलवे यात्रियों की मदद कर रहा है। इसमें गाड़ियों की जानकारी से लेकर उनमें उपलब्ध सुविधाओं और खाने-पीने की सुविधाएं भी शािमल हैं। हालांकि रेलवे से जुड़ी करीब 250 मोबाइल एप्लीकेशन प्ले स्टोर सहित अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर मौजूद हैं। इनमें से करीब 50 एप को रेलवे ने ही विकसित कराया है, जो उसकी अपनी हैं। 
 
टिकट बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी, कोच की सफाई के लिए सारथी, ट्रेन में खाने के आॅर्डर के लिए मीनू आॅन रेल और रेलवे पार्सल बुकिंग के लिए रेलवे पार्सल एप शामिल है। इनके अलावा रेलवे खुद के मैनेजमेंट के लिए नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम एप के जरिये ट्रेन क्रू मैनेजमेंट व एम्प्लॉई सर्विस रिकॉर्ड भी मेंटेन कर रहा है।  13 जून को रेलवे ने एक और नई मोबाइल एप लॉन्च की थी, जिसका नाम था यूटीएस आॅन मोबाइल। इस एप्लीकेशन की खासियत है कि इसमें अनारक्षित श्रेणी का टिकट बुक और कैंसिल कराया जा सकता है। इसके अलावा सीजनल  टिकट के नवीनीकरण और उन्हें जारी भी किया जा सकता है। इस एप के जरिये आप प्लेटफार्म टिकट और आर वॉलेट में फंड भेज सकते हैं व अपना बैलेंस चेक कर सकते हैं। 
 
...इसलिए पड़ी जरूरत
उपरोक्त मोबाइल एप्लीकेशन की सफलता और उनकी जरूरतों की बात करें तो ये इसलिए जरूरी हुई, क्योंकि आज सभी के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल है और उसमें मौजूद एप्लीकेशन तक लोगों की पहुंच आसान है। इसका उपयोग करने वालों में युवा ज्यादा हैं। अगर आरक्षण की बात करें तो कई घंटे तक लाइन में खडे रहने और दो या चार पहिया वाहन लेकर उसे पार्क करने की समस्या से दो-चार होने के बाद ही लोगों को आरक्षण की खिड़की तक जाकर टिकट कराना पड़ रहा था। 
 
सीआरआईएस ने बनाए ये एप
सीआरआईएस, यानी सेंटर फॉर रेलवे इन्फोर्मेशन सेंटर ने ये एप डिजाइन किए हैं, आंकडेÞ के मुताबिक करीब 30 हजार मोबाइल एप्लीकेशन प्रतिदिन डाउनलोड होती हैं, जो रेल सेवाओं से जुड़ी हैं। 
 
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