नई दिल्ली। सरकार ने देश में प्लास्टिक कचरे के बेहतर प्रबंधन के लिए सम्बन्धित नियमों में संशोधन किया है जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्लास्टिक उत्पादकों ,आयातकों और मालिकों के पंजीकरण के लिए नई प्रणाली तैयार करेगा जो केंद्रीयकृत और स्वत: होगी। केंद्रीय पर्यावरण ,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से अधिसूचित प्लास्टिक कचरा प्रबंधन (संशोधन) नियम -2018 में परतवाली उस प्लास्टिक को भी चरणबद्ध तरीके से हटाना है जिसे रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है या जिसका कोई अन्य उपयोग नहीं हो सकता। संशोधित नियमों में प्लास्टिक उत्पादक/आयातक / मालिक के पंजीकरण की केंद्रीयकृत प्रणाली की बात है।
पंजीकरण की प्रणाली आटोमेटेड होगी और इसमें इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि प्लास्टिक उत्पादक, रिसाइकिल करने वालों और निर्माताओं के लिए कारोबार करना आसान रहे। पंजीकरण की प्रणाली केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विकसित करेगा। उन प्लास्टिक उत्पादकों के लिए राष्ट्रीय पंजीकृत प्रणाली होगी जिनकी इकाइयां दो से ज्यादा राज्यों में हैं जबकि एक या दो राज्यों में माजूदगी वाले छोटे उत्पादकों को राज्य स्तर पर पंजीकरण कराना होगा।
मंत्रालय ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम ,2016 और ठोस कचरा प्रबंधन नियम,2016 के क्रियान्वयन कराने में पेश आ रही चुनौतियों और विभिन्न मुद्दों पर सम्बन्धित पक्षकारों की राय जानने के बाद समिति का गठन किया। समिति ने नियमों से जुड़े विभिन्न मुद्दों और इनके क्रियान्वयन पर विभिन्न पक्षकारों के साथ विचार -विमर्श करके अपनी सिफारिशें मंत्रालय को सौंपीं। मंत्रालय ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2018 को 27 मार्च 2018 को अधिसूचित किया गया था।