नई दिल्ली। देश में इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है जिससे फसलों की बेहतर पैदावार के साथ साथ अर्थ व्यवस्था पर भी इसका अच्छा असर होने की संभावना है। मौसम विभाग के महानिदेश के जे रमेश ने इस वर्ष का पहला मानसून पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि इस बार भी मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। मानसून सीजन के दौरान बारिश दीर्धावधि औसत के 97 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि मानसून 15 मई तक सबसे पहले केरल पहुंचेगा और 45 दिनों के अंदर पूरे देश में फैल जायेगा जिससे अच्छी वर्षा होगी। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब मानसून सामान्य रहेगा।
मौसम विभाग जून में मानसून के संबंध में अगला पूर्वानुमान जारी करेगा। सामान्यत: मानसून सीजन - जून से सितम्बर के दौरान 89 सेन्टीमीटर वर्षा होती है । पिछले वर्ष इस दौरान करीब 95 प्रतिशत वर्षा हुयी थी। देश में करीब 45 प्रतिशत ंिसचित क्षेत्र है और शेष भूमि पर वर्षा आधारित खेती की जाती है जिसके लिए मानसून का सामान्य रहना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। देश में कृषि क्षेत्र में 40 से 45 प्रतिशत यांत्रिकरण हुआ है और मानसून अनुकूल होने से इस क्षेत्र को लाभ होने की आशा है।
बाजार पर भी इसका अच्छा असर होने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार 90 प्रतिशत से कम वर्षा को बहुत कम माना जाता है जबकि 95 प्रतिशत को सामान्य से कम माना जाता है । इसी प्रकार 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत को सामान्य मानसून तथा 105 से 110 प्रतिशत को सामान्य से अधिक माना जाता है। पिछले साल कुल क्षेत्र के 72 प्रतिशत हिस्सें में सामान्य वर्षा हुयी थी जबकि 13 प्रतिशत में अधिक और 15 प्रतिशत में सामान्य से कम वर्षा हुयी थी ।