मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक में जो 11500 करोड़ रुपए का फ्रॉड हुआ है, उससे बैंक की माली हालत बिगड़ सकती है। बैंक को 2016 में 3,974.39 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। ऐसे में 2018 सामने आए इस घोटाले की राशि रिकवर नहीं हुई तो बैंक की सेहत पर असर पड़ सकता है। यदि इससे बैंक का दिवाला पिटा तो बैंक में ग्राहकों की जमा रकम भी डूब सकती है।
बस 1 लाख रुपए सुरक्षित
मौजूदा समय में बैंक में रखी ग्राहक की कुल रकम में से सिर्फ 1 लाख रुपए सुरक्षित होते हैं। इसका मतलब यह है कि कभी अगर कोई बैंक दिवालिया होता है, तो लाखों रुपए की ग्राहक की बचत में से सिर्फ 1 लाख रुपए की डिपोजिट सुरक्षित रहेगी। इससे ज्यादा जितनी भी राशि होगी वह रकम डूब जाएगी। हालांकि सरकार और पीएनबी ने ग्राहकों को आश्वस्त किया है।
सरकार ला सकती है नया बिल
अगर सरकार इंश्योरेंस लिमिट में बदलाव करती है, तो बैंकों के ग्राहकों को एक खास तोहफा मिल सकता है। इससे बैंक में रखे ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा कई गुना बढ़ सकती है। इस साल केंद्र सरकार फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल-2017 लाने की तैयारी कर रही है। यह बिल विपरीत परिस्थितियों में बैंकों को सहारा देने के लिए लाया जा रहा है। मौजूदा समय में इंश्योरेंस डिपोजिट लिमिट 1993 में तय की गई थी। तब 1 लाख रुपये की तक की डिपोजिट को इंश्योरेंस कवर दिए जाने का फैसला लिया गया।
यह है आरबीआई का नियम
अगर किसी बैंक में किसी ग्राहक ने 5 लाख रुपए रखे हैं। किसी वजह से बैंक दिवालिया हो जाता है। वह जमाकर्ताओं के पैसे चुकाने की स्थिति में नहीं रहता है, तो ऐसी स्थिति में भी उसे कम से कम 1 लाख रुपए ग्राहक को देने ही होंगे। हालांकि 1 लाख से ज्यादा जितनी भी रकम होगी, उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।