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सोने-चांदी के सिक्के खरीदने से पहले जान लें ये अहम बातें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 12 2017 4:17PM | Updated Date: Oct 12 2017 4:19PM
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नई दिल्ली। दिवाली पर सोना भला न खरीदा जाये ये कैसे सम्भव हो सकता है।इस पीले धातु की शॉपिंग लिस्ट में शामिल होने की सबसे बड़ी वजह धनतेरस भी है। इस त्योहार पर अधिकतर लोग सोने की जूलरी से ज्यादा सोने के सिक्के खरीदना पसंद करते है। सोना खरीदते वक्त जो सबसे खास बात ध्यान में रखनी होती है वो यह कि सोना खरा है या नहीं। सोने के सिक्के की शुद्धता दो कसौटियों पर परखी जाती है- कैरट और फाइननेस। कैरट सबसे कॉमन मापक है। 24 कैरट सोना सबसे शुद्ध होता है जबकि 22 कैरट के सोने में दो हिस्सा जिंक या सिल्वर का होता है, जो जूलरी को मुलायम और अधिक टिकाऊ बनाता है।
 
वहीं, फाइननेस गोल्ड को परखने का दूसरा मापक है। यह प्रमुख रूप से 24 कैरट गोल्ड के लिए होता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की वेबसाइट के अनुसार, ‘शुद्ध’ सोने में भी थोड़ा बहुत मिलावट हो सकती है, जिसे निर्माता भी नहीं हटा पाता। यह मिलावट (जिसमें मिश्रधातु और अशुद्धियां भी शामिल होंगी) सोने के कुल वजन की तुलना में बेहद कम होता है। सोने की शुद्धता का सबसे बड़ा पैमाना बीआईएस का हॉलमार्क है। इसलिए सोना खरीदते वक्त हॉलमार्क के निशान वाली जूलरी ही खरीदें। हॉलमार्क सरकारी गारंटी है। हॉलमार्क का निर्धारण भारत की इकलौती एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है। सोने के सिक्के टेंपर प्रूफ में पैक होते हैं। यह पैकिंग ही सोने के सिक्के की शुद्धता की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करता है। इसलिए इस पैकेजिंग को देखकर ही सोना खरीदें।
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