नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) करीब 500 छोटे निजी भविष्य निधि न्यासों को अपने दायरे में लाएगा। ऐसे पीएफ ट्रस्ट जिनका कुल कर्मचारी भविष्य निधि संग्रह एक करोड़ रुपए तक है या जिनके सदस्यों की संख्या 20 तक है, उन्हें ईपीएफओ के तहत लाया जाएगा, जिससे वे अपने अंशधारकों को बेहतर सेवाएं दे सकें।
इसके अलावा 1,000 ऐसे निजी ईपीएफ न्यासों की निगरानी बढ़ाई जाएगी, जिनके अंशधारकों का संख्या आधार बड़ा है। श्रम मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 का संशोधन करने की प्रक्रिया में है, जिससे बड़े निजी पीएफ न्यास अपने कर्मचारियों की ईपीएफ धन और खातों का प्रबंधन कर सकें।
श्रम मंत्रालय के सूत्र ने कहा,‘ईपीएफ योजना में संशोधन के बाद मौजूदा निजी पीएफ न्यास जिनके सदस्यों की संख्या 20 तक है या जिनका ईपीएफ कोष एक करोड़ रुपए (पेंशन और बीमा योगदान के बिना) है, उनकी ईपीएफ रिटर्न दाखिल करने की छूट समाप्त हो जाएगी। ऐसे न्यासों का कोष और खाता ईपीएफओ के पास आ जाएगा।’ सूत्र ने कहा कि योजना में संशोधन के बाद इन छोटे ट्रस्टों को ईपीएफ रिटर्न दाखिल करने से 180 दिन की छूट मिलेगी। उसके बाद उनकी यह छूट समाप्त हो जाएगी।