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जीएसटी लागू होने के बाद महंगे हो जाएंगे टीवी, एसी और स्मार्टफोन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 29 2017 11:12AM | Updated Date: May 29 2017 11:12AM
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मुंबई। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में टीवी, एसी, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर और एरेटेड ड्रिंक्स जैसे उत्पाद महंगे होंगे, जबकि स्मार्टफोन, छोटी कारें तथा रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद सस्ते होंगे। जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने की योजना है।
 
जीएसटी परिषद द्वारा करीब 1200 वस्तुओं और 500 सेवाओं की दरों को अंतिम रूप दिया गया है। इनके विश्लेषण से पता चलता है कि साबुन और दंतमंजन जैसे रोजमर्रा के उत्पाद जीएसटी में सस्ते हो जाएंगे। वहीं ताजा फल, सब्जियां, दालें, ब्रेड और दूध को किसी भी कर से छूट दी गई है। इसमें इकनॉमी श्रेणी में विमान यात्रा कुछ सस्ती हो जाएगी। इसी तरह टैक्सी सेवाएं भी सस्ती होंगी। जीएसटी में इन पर पांच प्रतिशत कर लगेगा, जबकि अभी तक इन पर छह प्रतिशत कर लगता है। 
 
पांच सितारा होटलों पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा
इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर टैक्स की दर 14 से घटकर 12 प्रतिशत रह जाएगी। वहीं सौर पैनलों पर टैक्स में भारी बढ़ोतरी होगी। यह अभी शून्य से पांच प्रतिशत है जो कि जीएसटी में 18 प्रतिशत हो जाएगी। साबुन और टूथपेस्ट पर टैक्स की दर जीएसटी में 25-26 से 18 प्रतिशत पर आ जाएगी। 
 
जीएसटी में पैक सीमेंट सस्ता होगा। इस पर कर की दर घटकर 28 प्रतिशत रह जाएगी, जो अभी 31 प्रतिशत बैठती है। जीएसटी में आयुर्वेदिक दवाओं सहित दवाओं पर टैक्स की दर 13 से घटकर 12 प्रतिशत पर आ जाएगी। स्मार्टफोन भी जीएसटी में सस्ता हो जाएगा। इन पर अभी कर का प्रभाव 13.5 प्रतिशत है। 
 
जीएसटी में इन पर 12 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा पूजा के सामान, हवन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री, बीड़ी और कुमकुम को कर मुक्तता की श्रेणी में रखा गया है। मनोरंजन, केबल और डीटीएच सेवाओं पर कर की दर कम होगीं राज्यों द्वारा लगाया जाने वाला मनोरंजन कर जीएसटी में समाहित हो जाएगा और इस पर प्रभावी कर की दर 18 प्रतिशत होगी। फिलहाल इन सेवाओं पर राज्यों में 10 से 30 प्रतिशत का मनोरंजन कर लगता है। साथ ही 15 प्रतिशत का सेवा कर भी लगता है। जीएसटी व्यवस्था में पांच सितारा होटलों पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा, जबकि गैर एसी रेस्तरां पर कर घटेगा।
 
खाद्यान्न कर होगा समाप्त
जीएसटी में खाद्यान्न भी सस्ता हो सकता है। इन्हें शून्य दर वाली जिंसों की श्रेणी में रखा गया है। अभी कुछ राज्य खाद्यान्न पर दो से पांच प्रतिशत का खरीद कर लगाते हैं जो जीएसटी में समाप्त हो जाएगा। जीएसटी परिषद ने इसी महीने 1200 वस्तुओं और 500 सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार कर स्लैब में रखा है।
 
कुछ जिंसों मसलन प्रसंस्कृत खाद्य, कनफेक्शनरी उत्पाद और आइसक्रीम पर कर की दर 22 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत पर आ जाएगी, वहीं शैंपू, परμयूम और मेक अप उत्पादों के लिए कर की दर मौजूदा के 22 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत हो जाएगी। हालांकि, रीयल एस्टेट क्षेत्र को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन निमाणार्धीन संपत्तियों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। 
अभी इस पर 15 प्रतिशत सेवा कर लगता है। जीएसटी में मोटरसाइकिलें भी कुछ सस्ती हो सकती हैं। इन पर कर की दर करीब एक प्रतिशत कम होकर 28 प्रतिशत रह जाएगी। 
 
कल्पना से काफी कम मिलेगा जीएसटी लाभ
नोमुरा ने कहा है कि वर्तमान स्वरूप में वस्तु और सेवा कर से मिलने वाला लाभ प्रारंभ में इससे सोचे गए लाभ से काफी कम होगा क्योंकि इसका ढांचा विभिन्न कर दरों के साथ बहुत जटिल है। जैसा कि प्रस्ताव किया गया है, उस हिसाब से जीएसटी विभिन्न कर वाला ढांचा है तथा करीब करीब सारी वस्तुएं एवं सेवाएं क्रमश: 5,12,18 और 28 फीसदी फीसदी की जीएसटी दरों में वर्गीकृत की गयी हैं।
 
इसके अलावा चार चीजों : लक्जरी कारें, झाग वाले पेयपदार्थ, तंबाकू और संबंधित पान उत्पाद: के लिए अलग अलग शुल्क होंगे। नोमुरा ने अपने शोधपत्र में कहा, ‘जैसा कि प्रस्ताव किया गया है, जीएसटी मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम से कम करने और राजनीतिक बाध्यताओं के तहत विभिन्न कर दरों (विभिन्न श्रेणियों और एक ही श्रेणी के तहत विभाजन) के साथ काफी जटिल है।’ उसने कहा, ‘सरल कर ढांचे से जो बड़ा लाभ मिलता, वह इससे काफी घट जाएगा।
 
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