नई दिल्ली। स्टील के मकान बहुत मजबूत और किफायती होते हैं। लिहाजा सरकार गरीबों को स्टील के बने मकान उपलब्ध कराएगी। स्टील मंत्री बीरेंद्र सिंह ने इस बात के संकेत दिए। स्टील मंत्रालय की तीन साल की उपलब्धियों के सिलसिले में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को सस्ते मकान उपलब्ध कराने की स्कीम के तहत इस्पात मंत्रालय दो लाख रुपए में स्टील के बने मकान उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है।
भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि तीन साल में स्टील सेक्टर में आमूलचूल सुधार हुआ है। पहले यह क्षेत्र कर्ज से दबा हुआ था और बैंक व रिजर्व बैंक के लिए भी यह एक बड़ी समस्या थी। वहीं आज भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश बनने जा रहा है। बीते वित्तीय वर्ष में हमने जापान को पछाड़कर यह उपलब्धि हासिल कर ली है। इससे पहले 2015 में हम अमेरिका को पछाड़कर विश्व में तीसरे नंबर के सबसे बड़े क्रूड स्टील उत्पादक बने थे। जबकि 2014 तक हमारा स्थान चौथा था।
स्टील का ज्यादा प्रयोग कर कम लागत में हो सकेगा निर्माण
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रति मकान डेढ़ लाख रुपए का आवंटन होता है। जबकि पर्वतीय इलाकों के लिए यह राशि 1.60 लाख रुपए है। इसके अलावा ग्रामीण विकास मंत्रालय 70 हजार रुपए की मदद बैंकों के जरिए प्रदान करता है। इस तरह कुल राशि दो लाख रुपए से ऊपर बनती है। अधिकांश स्टील का प्रयोग कर बड़ी आसानी से इतनी लागत में मकान बनाए जा सकते हैं। इन मकानों से न केवल देश में स्टील की खपत बढ़ेगी, बल्कि इनका निर्माण भी तेजी से होगा। गंगटोक में ऐसे मकान देखने के बाद हमने इस बात पर चर्चा की है कि क्या ऐसे मजबूत स्टील ढांचों का प्रयोग कर हम मकानों का टिकाऊपन बढ़ा सकते हैं। बाद में इस्पात सचिव अरुणा शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ऐसे मकान बनाने को तैयार है। दूसरे राज्यों व निकायों से भी बातचीत चल रही है।