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शिक्षा-स्वास्थ्य GST से बाहर, जानिए क्या सस्ता और क्या महंगा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 19 2017 4:22PM | Updated Date: May 19 2017 11:39PM
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श्रीनगर। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) परिषद की बैठक के दूसरे दिन शुक्रवार को सर्विसेज पर टैक्स रेट तय किए गए। अरुण जेटली ने बताया कि शिक्षा और हेल्थकेयर को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। वित्तीय सेवाएं 18 फीसदी टैक्स स्लैब में हैं। इससे स्पष्ट है कि बैंकिंग, बीमा और दूसरी वित्तीय सेवाएं महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा फोन का बिल भी बढ़ जाएगा। मल्टीप्लेक्स में मूवी देखना सस्ता हो सकता है। ब्रांडेड कपड़े पहनना महंगा हो जाएगा। गुड्स की तरह सर्विसेस को भी 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में बांटा गया है। 

इन पर लगेगा सबसे कम स्लैब

रेलवे, एअर और ट्रांसपोर्ट को 5 फीसदी के सबसे कम स्लैब में रखा गया है, क्योंकि ये पेट्रोलियम इंडस्ट्री पर निर्भर हैं। पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखा गया है। लोकल ट्रेन से यात्रा को स्लैब से रखा बाहर।  

टेलिकॉम और वित्तीय सेवाएं होंगी महंगी। इन पर पहले 15% टैक्स लगता था। जीएसटी में इसे 18% के स्लैब में रखा गया है। यानि ये सेवाएं महंगी हो जाएंगी।

होटलों पर किराए के हिसाब से टैक्स

50 लाख या उससे कम टर्नओवर वाले रेस्तराओं 5% टैक्स लगेगा। नॉन एसी होटलों पर 12 प्रतिशत, एसी और शराब लाइसेंस वाले होटलों की सेवाओं पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। 1000 से 2500 रुपए प्रति कमरा किराया लेने करने वाले होटलों की सेवाओं पर 12% टैक्स लगेगा। 2500 रुपए से 5000 रुपए प्रति कमरा किराया लेने वाले होटालों पर 18% टैक्स लगेगा। 

यात्रा करने पर पड़ेगा ये असर

मेट्रो, लोकल ट्रेन से यात्रा, धर्म यात्रा और हज यात्रा को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इकोनॉमी क्लास से विमान यात्रा पर 5% टैक्स और बिजनेस क्लास पर 12% जीएसटी लगाया जाएगा।

फिल्म देखना होगा सस्ता

अभी अलग-अलग राज्यों में सिनेमा हॉल्स और मल्टीप्लेक्सेस पर सर्विस टैक्स और एंटरटेनमेंट टैक्स मिलाकर 22 से 100 फीसदी तक टैक्स लग रहा है। ये खत्म होकर अब 28 प्रतिशत जीएसटी हो जाएगा। 

इन पर फैसला 3 जून को 

सोना, बॉयोडीजल से जुड़े उत्पाद, बीड़ी, सिगरेट, टैक्सटाइल्स, फुटवियर, एग्रीकल्चर मशीनरी पर 3 जून को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में फैसला होगा।

राज्यों की स्थिति

महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब और पश्चिम बंगाल को घाटा होगा, जबकि मप्र छग, यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को जीएसटी का फायदा मिलेगा। 

क्या है GST? 
GST का मतलब वस्तु एवं सेवा कर है। इसको केंद्र और राज्‍यों के 17 से ज्‍यादा इनडायरेक्‍ट टैक्‍स के बदले में लागू किया जाएगा। ये ऐसा टैक्‍स है, जो देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेज की मैन्‍युफैक्‍चरिंग, बिक्री और इस्‍तेमाल पर लागू होगा। 
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