नई दिल्ली। कॉल ड्रॉप की गहराती समस्या से निपटने के लिए लुटियन दिल्ली स्थित केन्द्र सरकार की इमारतों पर भी अब मोबाइल फोन टाॅवर लगाने का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी स्थित मध्य दिल्ली इलाके में सरकारी इमारतों पर मोबाइल फोन टाॅवर लगाने की अनुमति नहीं होने के कारण लुटियन दिल्ली सहित समूचे इलाके में नेटवर्क की समस्या गंभीर होती जा रही है।
इससे निपटने के लिए केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने मध्य दिल्ली स्थित सरकारी इमारतों पर निजी मोबाइल फोन कंपनियों के टाॅवर लगाने पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे दी है। नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) इलाके में सरकारी एजेंसियों और स्थानीय निकायों द्वारा सुरक्षा एवं अन्य कारणों से अपनी इमारतों पर निजी मोबाइल कंपनियों के टाॅवर लगाने की अनुमति देने से इंकार करने के बाद कॉल ड्रॉप की समस्या बढ़ गई थी।
इसके मद्देनजर निजी आॅपरेटरों के अनुरोध पर मंत्रालय ने दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के दिशानिर्देशों के तहत उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए मोबाइल टावर के लिए सरकारी इमारतों के इस्तेमाल की पहल की है। मंत्रालय ने कॉल ड्रॉप की समस्या पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति की सिफारिश पर यह पहल की है।
समिति ने हाल ही में शहरी विकास मंत्रालय से सभी केन्द्रीय मंत्रालयों और स्थानीय निकायों से इस मुद्दे पर बातचीत कर उनकी इमारतों पर यथाशीघ्र मोबाइल टावर लगाने के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने की सिफारिश की थी। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेंट्रल दिल्ली के आसपास घनी आबादी वाले इलाकों में दिल्ली नगर निगम और एनडीएमसी द्वारा ट्राई के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले निजी मोबाइल टाॅवर को हटाने के लिए चलाये जा रहे अभियान के बाद कॉल ड्रॉप की समस्या गहरा गई है। मंत्रालय की औपचारिक मंजूरी मिलने के बाद सरकारी संपदा और रक्षा मंत्रालय सहित सभी केन्द्रीय मंत्रालय, एनडीएमसी की इमारतों पर निजी मोबाइल कंपनियां अपने सुरक्षा मानकों को पूरा कर टाॅवर लगा सकेंगी।