नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक से कहा कि वह उन 39 फ्लैट खरीदारों के ब्याज का भुगतान करे, जिन्होंने वायदे के अनुसार फ्लैट न मिलने पर कंपनी से अपने पैसे वापस मांगे हैं। खरीदारों ने हरियाणा के गुरुग्राम में यूनिटेक के विस्टास प्रोजेक्ट में फ्लैटों की बुकिंग कराई थी। बिल्डर को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 14 फीसदी की दर से ब्याज जमा कराने के लिए आठ सप्ताह का वक्त दिया।
34 ग्राहकों को पैसा लौटाने का आदेश
कोर्ट ने यह भी कहा कि ब्याज की गणना एक जनवरी, 2010 से लेकर यूनिटेक की ओर से मूलधन जमा कराने की अवधि तक के लिए की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्री में जमा की गई ब्याज की 90 फीसदी रकम 39 खरीदारों में बांटी जाएगी, जिन्होंने फ्लैट न लेने का विकल्प चुना है।
चेयरमैन और डायरेक्टर को सजा
उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग चंडीगढ़ ने यूनिटेक के चेयरमैन और दो मैनेजिंग डायरेक्टर को 3 साल की सजा सुनाई है। आयोग ने सजा आदेश का पालन नहीं करने के लिए दी है। इसके अलावा आयोग ने 10,000 प्रत्येक व्यक्ति पर जुर्माने के साथ यूनिटेक के चेयरमैन और एमडी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह मामला कंपनी के मोहाली स्थित एस्पेन ग्रीन्स प्रोजेक्ट से संबंधित है।