नई दिल्ली। घरेलू मार्गों पर हवाई यात्रियों की शिकायतों के मामले में इस साल जनवरी में भी एयर इंडिया का प्रदर्शन सबसे खराब रहा जबकि निजी क्षेत्र द्वारा संचालित चार मेट्रो शहरों के हवाई अड्डों पर समय की पाबंदी (ओटीपी) के मामले में स्पाइस जेट सबसे आगे रही। नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार,जनवरी में सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के खिलाफ प्रति एक लाख यात्री 25 शिकायतें आईं।
जेट एयरवेज तथा उसकी इकाई जेट लाइट के खिलाफ संयुक्त रूप से प्रति एक लाख यात्री 13, गोएयर और ट्रूजेट के खिलाफ 12-12 तथा एयर कोस्टा के खिलाफ 11 शिकायतें आईं। इस मामले में नवोदित एयरलाइंस विस्तारा का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा जिसके खिलाफ प्रति एक लाख यात्री एक शिकायत दर्ज की गई।
प्रति एक लाख यात्री इंडिगो के खिलाफ तीन, स्पाइसजेट के खिलाफ छह तथा एयरएशिया के खिलाफ आठ शिकायतें आई हैं। सर्वाधिक 31.7 प्रतिशत शिकायत उड़ान परिचालन को लेकर दर्ज की गई। कुल शिकायतों में 22.9 प्रतिशत बैगेज को लेकर, 22.6 प्रतिशत ग्राहक सेवा को लेकर, 6.4 प्रतिशत कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर तथा छह प्रतिशत रिफंड को लेकर रही। इनमें 2.4 प्रतिशत शिकायतें विकालांग यात्रियों की ओर से उनके लिए पर्याप्त सुविधा नहीं होने के बारे में तथा 0.1 प्रतिशत खानपान को लेकर भी रहीं।